गणतंत्र दिवस के बारे में हम सभी जानते हैं। लेकिन इस अवसर पर विदेशी अतिथियों को आमंत्रण की भी परंपरा रही है। हर गणतंत्र दिवस पर किसी न किसी देश के अतिथि को भारत आने के लिए निमंत्रण भेजा जाता है। यह एक परंपरा भी है, हालांकि इसके पीछे राजनीतिक और वैश्विक उदेश्य भी होते हैं।
आइए जानते हैं आखिर कैसे गणतंत्र दिवस (Republic Day) के लिए विदेशी मेहमानों को चुना जाता है और इस बार किस देश के मेहमान भारत में अतिथि के तौर आ रहे हैं।
भारत में दो साल बाद गणतंत्र दिवस (Republic Day of India) पर कोई मुख्य अतिथि आ रहे हैं। गणतंत्र दिवस के मौके पर इस बार बतौर मुख्य अतिथि मिस्र के राष्ट्रपति अब्देह फतेह अल सिसि आ रहे हैं। भारत की तरफ से उन्हें निमंत्रण भेजा गया था, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है। बता दें कि वे इससे पहले मिस्र के रक्षा मंत्री और सेना प्रमुख थे।
क्या है अतिथि चुनने की प्रक्रिया?
देश की राजधानी में मनाए जाने वाले गणतंत्र दिवस के मौके पर अतिथियों का खासतौर से आदर सम्मान किया जाता है। उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया जाता है। इन अतिथियों को चुनने के लिए एक पूरी प्रकिया होती है। इस प्रक्रिया में लंबा समय लगता है।
ऐसे होता है अतिथि का चुनाव
आपको बता दें कि देश के गणतंत्र दिवस के मौके पर मुख्य अतिथि के चुनाव के लिए करीब 6 महीने पहले ही तैयारी शुरू हो जाती है। इसके लिए लंबे समय तक मंथन होता है। किस देश की किस हस्ती के नाम को चुनना है, इसके बाद उन्हें कब निमंत्रण भेजना है। निमंत्रण स्वीकार कर लेने के बाद उनके रहने-ठहरने से लेकर उनकी सुरक्षा आदि के बारे में तय किया जाता है। एक पूरी टीम उनके आने से लेकर उनके ठहरने, आदर सत्कार, मेहमानवाजी, उनके शैड्यूल और गणतंत्र दिवस पर उन्हें विशेष गार्ड ऑफ ऑनर देने तक की प्लानिंग करती है।
क्या होता है उदेश्य?
गणतंत्र दिवस के मौके पर कई सांस्कृतिक और सामाजिक आयोजन होते हैं। ऐसे में विदेशी मेहमानों को अपने देश की कला- संस्कृति से रूबरू कराना तो होता ही है, लेकिन इसके अलावा उनके साथ हमारे वैश्विक संबंध, दोस्ती, राजनीतिक रिश्ते आदि पहलुओं को भी देखा जाता है। इस आमंत्रण का अर्थ किसी देश की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाना, राजनीति रिश्तों को सुधारना आदि भी हो सकता है।
edited by navin rangiyal