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अब ललिता, खत्री और किशन से पदक की उम्मीद

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रियो डि जेनेरियो , सोमवार, 15 अगस्त 2016 (15:09 IST)
रियो डि जेनेरियो। पिछले 9 दिनों से पदक के लिए तरस रहे भारत को रियो ओलंपिक के 10वें दिन एथलीट ललिता बाबर से पहला पदक दिलाने की उम्मीद रहेगी, जो महिलाओं की 3,000 मीटर स्टीपलचेज में सोमवार को ट्रैक पर उतरेंगी।



 
भारत का प्रदर्शन अब तक बेहद निराशाजनक रहा है। कुछ खिलाड़ियों ने जरूर प्रभावित किया जिनमें जिम्नास्ट दीपा करमाकर भी शामिल हैं, जो जिम्नास्ट में वॉल्ट में 4थे स्थान पर रहीं। 
 
अब 100 से अधिक सदस्यों के दल की निगाहें महाराष्ट्र की ललिता पर टिकी हैं, जो 3,000 मीटर स्टीपलचेज के फाइनल में उतरेंगी। यदि वे पदक जीतने में सफल रहती हैं तो यह एथलेटिक्स में भारत का पहला पदक होगा।
 
सतारा की रहने वाली ललिता के लिए हालांकि यह आसान नहीं होगा जिन्होंने क्वालीफाइंग में लगभग 7 सेकंड के अंतर से नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया था। ललिता पिछले 32 वर्षों में फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला एथलीट बनी हैं। 
 
ललिता के अलावा एथलेटिक्स में रंजीत माहेश्वरी (पुरुष त्रिकूद), सर्वाणी नंदा (महिलाओं की 200 मीटर दौड़) और सीमा पूनिया (महिलाओं की चक्का फेंक) भी सोमवार को अपनी-अपनी स्पर्धाओं में उतरेंगे।
 
पहलवान भी सोमवार से अपना अभियान शुरू करेंगे। रविंदर खत्री ग्रीको रोमन शैली के 85 किग्रा में अपनी चुनौती पेश करेंगे। मुक्केबाजी में एकमात्र उम्मीद विकास कृष्ण पुरुषों के 75 किग्रा के सेमीफाइनल में पहुंचकर अपने लिए पदक पक्का करने की कोशिश करेंगे। 
 
भारत के लिए 9वां दिन निराशाजनक रहा। दीपा अपने पहले ओलंपिक फाइनल में बेहतरीन प्रदर्शन के बावजूद वॉल्ट में मामूली अंतर से कांस्य पदक से चूक गईं। (भाषा)

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