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पुरुष हॉकी टीम की पहली चुनौती 'आयरलैंड'

हमें फॉलो करें पुरुष हॉकी टीम की पहली चुनौती 'आयरलैंड'
, शुक्रवार, 5 अगस्त 2016 (19:57 IST)
रियो डि जेनेरियो। विश्व की पांचवें नंबर की भारतीय पुरुष हॉकी टीम 36 साल बाद रियो ओलंपिक में एक नया इतिहास रचने के इरादे से उतरेगी जहां खेलों के पहले दिन शनिवार को वह अपने अभियान की शुरुआत आयरलैंड के खिलाफ करेगी। 
         
पुरुष टीम ने आखिरी बार अपना ओलंपिक पदक 1980 में मॉस्को में जीता था जबकि महिला टीम आखिरी बार ओलंपिक में मॉस्को में ही खेली थी। पी आर श्रीजेश के नेतृत्व वाली भारतीय पुरुष टीम 11 वर्षों में अपनी सर्वश्रेष्ठ पांचवीं रैंकिंग पर है। ओलंपिक खेलों में 12 टीमें हिस्सा ले रही हैं जिन्हें दो पूलों ए और बी में बांटा गया है। 
        
भारतीय टीम को गत चैंपियन जर्मनी, दो बार के विजेता और लंदन ओलंपिक की रजत पदक विजेता हालैंड, अर्जेटीना, कनाडा और आयरलैंड के साथ ग्रुप बी में रखा गया है। ग्रुप ए में विश्व की नंबर एक टीम आस्ट्रेलिया, 1988 की स्वर्ण पदक विजेता ब्रिटेन, मांट्रियल ओलंपिक चैंपियन न्यूजीलैंड, बेल्जियम, स्पेन अौर मेजबान ब्राजील की टीमें हैं।
         
भारतीय टीम के कप्तान पी आर श्रीजेश ने आयरलैंड के खिलाफ मजबूत अभियान की शुरूआत का भरोसा दिलाते हुये कहा आयरलैंड के खिलाड़ियों ने यूरोपियन चैंपियनशिप में बेहतर खेल का प्रदर्शन किया था। उनके बारे में पहले से ही अनुमान लगा पाना मुश्किल है। मैदान मे गेंद पर उनकी पकड़ बहुत तेज है। यह मुकाबला आसान बिल्कुल भी नहीं होगा और हमें पूरा जोर लगाने की जरुरत है।
 
उन्होंने कहा मेरे ऊपर दोहरी जिम्मेदारी आ गई है। मैंने कभी इसकी उम्मीद नहीं की थी कि खेलों के इस महाकुंभ में मुझे टीम का नेतृत्व करने का मौका मिलेगा। मेरा उद्देश्य अपने देश के लिए पदक जीतकर 36 साल का सूखा समाप्त करना है।
 
श्रीजेश ने कहा, मेरा पहला काम गोल बचाना है और दूसरा काम टीम को एकजुट होकर अच्छा खेलने के लिये प्रोत्साहित करना है। तीसरा काम एक गोलकीपर के रुप में टीम के अंदर आत्मविश्वास पैदा करना है। मुझे लगता है कि एक कप्तान ये तीनों काम कर सकता है और इससे मेरे ऊपर कोई अतिरिक्त दबाव नहीं है। सभी खिलाड़ियों को बिना किसी दबाव के अपना स्वभाविक खेल खेलने की जरुरत है।
 
भारत वर्ष 2000 में सिडनी में अर्जेंटीना को 3-0 से हराने के बाद से ओलंपिक का उद्घाटन मुकाबला नहीं जीत सका है। टीम को 2004 के एथेंस ओलंपिक और 2012 के लंदन ओलंपिक में हॉलैंड के खिलाफ क्रमश: 1-3 और 2-3 से शिकस्त झेलनी पड़ी थी।
                   
विश्व में पांचवीं रैंकिंग की टीम भारत का लक्ष्य जहां 36 वर्ष के बाद ओलंपिक पदक जीतने का होगा तो वहीं 1908 के बाद से पहली बार ओलंपिक में शिरकत कर रही आयरलैंड की टीम मुकाबला जीत वापसी को यादगार बनाने के इरादे से उतरेगी। भारतीय टीम की रणनीति आयरलैंड के मार्की खिलाड़ी मिश डार्लिंग के साथ ही गोलकीपर और कप्तान डेविड हार्टे पर ही प्रमुख रुप से केंद्रित होगी।
                     
पुरुष टीम के कोच रोलेंट ओल्टमैंस ने कहा हम अपने अभियान की शुरुआत जीत के साथ करना चाहते हैं और आगे के ग्रुप चरण मुकाबलों में भी इस लय को बरकरार रखना चाहते हैं। ओलंपिक जैसे बड़े टूर्नामेंट में हर एक टीम जीतने के इरादे से ही आती है इसलिए हम किसी भी टीम को कमतर नहीं आंक रहे हैं।
 
ओल्टमैंस ने कहा ओलंपिक में हमें जीत से कम कुछ भी मंजूर नहीं है और मैं इस चुनौती को स्वीकार कर खुश हूं। टीम के खिलाड़ी प्रतिभाशाली हैं और इस प्रतिभा को मैदान पर प्रदर्शित कर पाना मेरे लिए चुनौतीपूर्ण साबित होगा। रियो में भारत का पहला सामना शनिवार को आयरलैंड की टीम से होगा। जून में स्पेन में हुए छह देशों के टूर्नामेंट में आयरलैंड पर मिली जीत से भारत का हौसला बढ़ा हुआ होगा। (वार्ता) 

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