हैदराबाद। रियो ओलंपिक की बैडमिंटन प्रतियोगिता के महिला एकल मुकाबले में रजत जीतने वाली पीवी सिंधु के पिता पीवी रमन्ना ने अपनी बेटी पर नाज़ व्यक्त करते हुए शुक्रवार को कहा कि उनकी यह उपलब्धि बेमिसाल है।
सिंधु को फाइनल मुकाबले में दुनिया की नंबर एक स्पेन की कैरोलिना मारिन के हाथों तीन गेमों में हार का सामना करना पड़ा, लेकिन वे देश को रियो ओलंपिक का पहला रजत पदक दिलाने वाली खिलाड़ी बन गईं।
रमन्ना ने कहा कि हम बहुत खुश हैं। बहुत ज्यादा खुशी है। सिंधु और कोच पुलेला गोपीचंद ने कड़ी मेहनत की थी और उसे इसका सुखद परिणाम मिला। उन्होंने कहा कि मारिन दुनिया की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी हैं और उनके खिलाफ खेलना किसी के लिए भी आसान नहीं होता।
सिंधु ने शानदार प्रदर्शन करते हुए पहला गेम जीता। हालांकि वे मुकाबला नहीं जीत सकीं लेकिन अपने खेल से देश का मान रख लिया। सिंधु के माता-पिता दोनों के लिए यह एक ऐसा लम्हा था जिसे वे हमेशा याद रखेंगे।
सिंधू की मां पी विजया ने कहा कि अपनी बेटी की इस नायाब उपलब्धि पर हम बेहद खुश हैं। सिंधु भले ही स्वर्ण पदक से चूक गईं हों लेकिन उनकी यह उपलब्धि भी बेमिसाल है। उन्होंने जिस प्रकार विश्व की नंबर एक खिलाड़ी मारिन का सामना किया, उस पर हमें गर्व है। उन्हें रियो से बहुत कुछ सीखने को मिला। (वार्ता)