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फेल्प्स बोले, मैंने जो किया वह कोई और नहीं कर सकता

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, रविवार, 14 अगस्त 2016 (17:24 IST)
रियो डि जेनेरियो। रियो में अपने 5वें और ओलंपिक में रिकॉर्ड 23 स्वर्ण पदक जीतने के बाद इन खेलों को अलविदा कहने वाले विश्व के सर्वश्रेष्ठ तैराक अमेरिका के माइकल फेल्प्स का कहना है कि उन्होंने जो किया है, वह कोई और नहीं कर सकता। 
फेल्प्स ने रियो में अपनी आखिरी 4x100 मीटर मेडले रिले स्पर्धा में स्वर्ण जीता, जो उनका रियो में 5वां स्वर्ण है। उन्होंने इसी के साथ ओलंपिक खेलों को अलविदा कह दिया। 
 
फेल्प्स ने कहा कि यह सब एक बच्चे के सपने के साथ शुरू हुआ था जिसने अब तैराकी का मतलब ही बदल दिया है। इस तैराक ने जो कुछ करने का प्रयास किया तथा जो कुछ पाया, वह कोई और नहीं कर सकता है। 
 
रियो ओलंपिक में 5 स्वर्ण के साथ फेल्प्स अब तक 23 ओलंपिक स्वर्ण पदक जीत चुके हैं। ओलंपिक के इतिहास में वे सबसे ज्यादा स्वर्ण पदक जीतने वाले खिलाड़ी बन गए हैं। फेल्प्स ने 4 वर्ष पूर्व लंदन ओलंपिक के बाद ही इस खेल की संन्यास की घोषणा कर दी थी लेकिन इसके बाद उन्होंने वापसी की। रियो उनके करियर का 5वां और आखिरी ओलंपिक है। 
 
31 वर्षीय फेल्प्स ने कहा कि पूल में आखिरी बार उतरते समय मुझे लगा कि मैं रोने वाला हूं। आखिरी वार्मअप, आखिरी बार स्विम सूट पहनना, आखिरी बार अपने देश के हजारों लोगों के सामने पूल में उतरना। यह सब एक अलग तरह का पल था। मैं इसी तरह से अपने करियर का समापन करना चाहता था। अब मैं नया जीवन शुरू करना चाहता हूं। 
 
7 बार विश्व के सर्वश्रेष्ठ तैराक रह चुके फेल्प्स ने कहा कि जब मैं 15 वर्ष का था तब मैंने आप सबसे कहा था कि मैं इस तैराकी के खेल को बदलना चाहता हूं और आज मैंने यह कर दिया। मुझे नहीं लगता है कि जब तक मैं जिंदा हूं, कोई मेरे रिकॉर्ड को तोड़ पाएगा। 
 
फेल्प्स ने कहा, मैंने तैराकी से संन्यास लिया है, न कि खेल से। मैं अब भी आप सबको दिखाई दूंगा लेकिन तैराक के रूप में नहीं। मैं टोक्‍यो ओलंपिक में भी रहूंगा, लेकिन किसी और भूमिका में। (वार्ता)

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