रियो डि जेनेरियो। रूस पर लगे ओलंपिक प्रतिबंध और चीन की मुश्किल चयन नीति ने थाईलैंड को रियो ओलंपिक में उसका पहला स्वर्ण पदक जीतने में मदद कर दी। थाई खिलाड़ी सोपिता तानासन ने महिला भारोत्तोलन के 48 किग्रा भार वर्ग में स्वर्ण पदक जीता।
अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाज की बेटी तानासन ने यह स्वर्ण पदक जीता जो रियो ओलंपिक खेलों में थाईलैंड का पहला स्वर्ण पदक है। तानासन ने कुल 200 किग्रा वजन उठाया। वह इसी के साथ थाईलैंड की चौथी स्वर्ण पदक विजेता महिला भारोत्तोलक बन गई हैं।
21 वर्षीय तानासन ने इंडोनिया की श्री वाहयुनी अगुस्तियानी को आठ किग्रा भार वर्ग से पराजित किया। तीसरे स्थान पर जापान की हिरोमी मियाके रहीं। वह 2012 लंदन ओलंपिक की रजत पदक विजेता रह चुकी हैं।
इससे पहले चीन की हू झिहुई को पदक की दावेदार माना जा रहा था जिन्होंने अप्रैल में हुई राष्ट्रीय चैंपियनशिप में 210 किग्रा वजन उठाया था। लेकिन इस वर्ग में केवल चार एथलीटों को प्रवेश की अनुमति थी जिसके कारण उन्हें गत सप्ताह साओ पाउलो में ओलंपिक की ट्रेनिंग के दौरान ही घर भेज दिया गया था।
अंतरराष्ट्रीय भारोत्तोलन महासंघ ने जून माह में कजाखिस्तान और बेलारूस को 2008 और 2012 के ओलंपिक खेलों में पॉजिटिव डोपिंग नमूनों के कारण रियो से बैन कर दिया था जिन्हें इन खेलों में अहम माना जाता है। (वार्ता)