मख्मूर आँख तेरी पैमाना जिंदगी का
अल्हड़ शबाब तेरा मैखाना जिंदगी का
फूटे हैं शाखे-दिल से गुलबर्गे-हस्त्रतो-गम
सरसब्ज़ हो रहा है वीराना जिंदगी का
बज्मे-जहाँ में होगी जब शम्मा-ओ-मर्ग रोशन
लौ से लिपट मरेगा परवाना जिंदगी का
आजुर्दा आरजुओं ! पुरयासो गम उमीदो!
लो दे चला हूँ तुमको नज़राना जिंदगी का
हस्त्रत सिसक रही है, अरमाँ मचल रहे हैं
है पुरनिशात फिर भी गमखाना जिंदगी का
जब बेवफाइयाँ हैं मशहूर जिंदगी की
इस पर क्यों है हर एक दीवाना जिंदगी का
1. शाखे-दिल - दिल-रूपी शाखा 2. गुलबर्गे-हस्त्रतो-गम - शोक-अरमान के फूल 3. बज्मे-जहाँ - संसार-रूपी सभा 4. शम्मा-ओ-मर्ग - मृत्यु का दीपक (ज्योति) 5. आजुर्दा आरजुओं - हे उदास (असफल) इच्छाओं, 6. पुरयासो गम उमीदो - कष्ट और दुःख से भरी आशाओ, 7. पुरनिशात - . हर्ष से भरा