श्याम सखा 'श्याम'
जीवन का उपहार मुहब्बत
खुशियों का आधार मुहब्बत
शक का अंकुर फूट पड़े तो
हो जाती लाचार मुहब्बत
उम्र भला कब आड़े आती
हो जाए जब यार मुहब्बत
आया है मौसम मतवाला
कर ले अब दिलदार मुहब्बत
ढाई आखर प्रेम के ले पढ़
सीखे तब संसार मुहब्बत
खूब भली लगती है तब तो
करती जब तकरार मुहब्बत
बच पाओ तो खुद को बचाना
चीज़ बुरी है यार मुहब्बत
बच्चे, बूढ़े हों कि जवाँ हों
सबका है अधिकार मुहब्बत।