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तेरी याद आई भुलाने से पहले
ग़ज़ल
- अनु सपन
तेरी याद आई भुलाने से पहलेमैं रोई बहुत खत जलाने से पहलेजुदाई के शोलों पे चलके तो देखोमेरा मोम-सा दिल गलाने से पहलेपरिंदों के दिल भी दरख्तों पे होंगेसमझ लेना शाखें हिलाने से पहलेजमाने में जीने के काबिल बनो तुममुझे चाँद, तारे दिलाने से पहलेगरेबान में अपने भी झाँक लो तुमकोई दाग हम पर लगाने से पहलेसपन के सपन न अधूरे रहेंगेपलक चूम लेना जगाने से पहले।