- रोहित जैन
दिलकश मेरी रातें होती रहीं
चाँद से मेरी बातें होती रहीं
जिस तरह मिल रहे हैं ज़मीं आसमाँ
उस तरह मुलाक़ातें होती रहीं
उसकी ज़ुल्फ़ें सँवारें मेरी उँगलियाँ
ऐसी करामातें होती रहीं
शरमाते रहे दिल मिलाते रहे
ऐसी शुरुआतें होती रहीं
गले लग गये प्यार से, रो दिये
इश्क़ की बरसातें होती रहीं
बसाया 'रोहित' ने जहाँ उनके साथ
रुसवा कायनातें होती रहीं।