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प्यार की शम्मा जलती नहीं

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हमें फॉलो करें प्यार की शम्मा प्रेम इश्क मुहब्बत रोमांस लव कविता प्रेमग ीत
शशीन्द्र जलधारी

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इश्क की गाड़ी कभी इक पहिए पर चलती नहीं है,
सूखी जमीं पर फुलवारी खिलती नहीं है।
प्रेम का पौधा महकता है सदा बहारों में,
बिन हवा के डाली कभी हिलती नहीं है।
दोनों ही तरफ दिल में बेचैनी जरूरी है,
इसके बगैर प्यार की शम्मा जलती नहीं है।
इक तरफा प्यार कोई मायने रखता नहीं,
ख्वाबों में महज आकर वो राहत देती नहीं है।
माना कि दूर रहने से बढ़ती है मुहब्बत,
उनके बगैर महफिल भी तो सजती नहीं है।
ये कैसा दौर है और ये कैसा इम्तिहान,
पास आती भी नहीं और दूर जाती नहीं है।
नाता न जोड़ना है तो कर दे साफ इंकार,
आजकल तो उनसे नजरें भी मिलती नहीं है।
सब कहते हैं इश्क एक खूबसूरत अहसास है,
पर वे हैं कि मेरा दिल कुबूल करती नहीं है।
दिल की किताब में नगमें लिख रखे हैं मगर,
वे कभी पन्ने खोलकर भी पढ़ती नहीं हैं।

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