- रवींद्र व्यास
मैं तुम्हारा इंतजार करता हूँ
और तुम्हारे लिए
मेरे दिल में खिला फूल
मुरझा रहा है
मैं तुम्हारा इंतजार करता हूँ
और तुम्हारी प्यास का आईना
तड़कने लगता है
और मैं लहूलुहान हो जाता हूँ
मैं तुम्हारा इंतजार करता हूँ
और अकेलापन
मुझे अपने पंजों से नोंचते हुए
मुझे खाने लगता है
मैं तुम्हारा इंतजार करता हूँ
और धीरे धीरे
तुम्हारी यादों के समंदर पर उड़ता हूँ
और एक दिन थककर
उसी समंदर पर
एक परिंदे की तरह
दम तोड़ दूँगा।
बस एक पँख कहीं से
हवा में तैरता हुआ
तुम्हारे सपने में
चमकता रहेगा हमेशा हमेशा।