Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
Monday, 7 April 2025
webdunia

प्रेम गीत : प्यार का मर्म...

Advertiesment
हमें फॉलो करें Love song
webdunia

राकेश श्रीवास्तव 'नाजुक'

प्यार का मर्म मालूम होता अगर, 
दिल हमारा कभी तुम दुखाते नहीं।
 
नाम जबसे तुम्हारा लिया है प्रिये, 
चम्पई-चम्पई तन हमारा हुआ।
मन के आंगन में जब मुस्कुराए थे तुम, 
दिल उसी वक्त से ही तुम्हारा हुआ।
 
जिसके दिल में कोई जब खुदा हो गया, 
उसपे इल्जाम कोई लगाते नहीं।
प्यार का मर्म मालूम होता अगर, 
दिल हमारा कभी तुम दुखाते नहीं।
 
आंख के जल से जब तन पिघलने लगा, 
थरथराए मगर होठ बोले नहीं, 
आज क्या हो गया है प्रणय गीत को, 
राग अपने हृदय से वो खोले नहीं।
 
ख्वाब आंखों से दिल में उतरने लगा, 
ऐसे मौसम में पलकें झुकाते नहीं।
प्यार का मर्म मालूम होता अगर, 
दिल हमारा कभी तुम दुखाते नहीं।
 
मतलबी हो गया है हरेक शख्स क्यूं, 
कोई यूं ही किसी को बुलाता नहीं, 
दौलतों के शहर में लिए दिल खड़ा, 
दिल हमारा किसी को सुहाता नहीं।
 
प्रेम की राह में जो समर्पित हुआ, 
उसको झूठी तसल्ली दिलाते नहीं।
प्यार का मर्म मालूम होता अगर, 
दिल हमारा कभी तुम दुखाते नहीं।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

बारिश पर प्रवासी कविता : पाहुन...