Biodata Maker

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

प्रेम कविता : तुम मुस्कुराओ ना

Advertiesment
हमें फॉलो करें prem kavita
webdunia

राकेशधर द्विवेदी

मैं होठों की लाली बन जाऊंगा,
तुम मुस्कराओ ना।
 

 
मैं गजरे का फूल बन जाऊंगा,
तुम बालों में सजाओ ना।
 
मैं आंखों का काजल बन जाऊंगा,
तुम आंखों में बसाओ ना।
 
मैं कविता के बोल बन जाऊंगा,
तुम होठों से लगाओ ना।
 
मैं गजल के गीत बन जाऊंगा,
तुम गुनगुनाओ ना।
 
मैं दर्पण बन जाऊंगा,
तुम सज-संवरकर आओ ना।
 
मैं गीत की राग बन जाऊंगा,
तुम गीत गाओ ना।
 
मैं तुम्हारी आंखों का नूर बन जाऊंगा,
तुम दिल में बसाअो ना।
 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi