फाल्गुनी
तुम्हारा चले जाना
दुखद नहीं है
पीड़ा तो इस बात की है कि
तुम अपने साथ
मेरे कुछ अहम 'रिश्ते'
बहा ले गए
इस वक्त मैं
पूरी तरह रीती हूँ
फिर भी
प्रतीक्षित हूँ तुम्हारे लिए
तुम्हारे खंडित व्यक्तित्व के लिए
कि तुम आओगे
और मुझे मेरे अहम रिश्ते
लौटाकर चले जाओगे
क्योंकि
दुख तुम्हारे जाने का
आज भी नहीं है
तब भी नहीं होगा
पीड़ा तो इस बात की रही है कि
तुम अपने साथ मेरे कुछ खास 'रिश्ते'
बहा ले गये
तुम आना लौटकर
मेरे लिए नहीं
बस मेरे उन 'रिश्तों'
को वापिस करने के लिए
एक बार जरूर आना
प्रतीक्षित हूँ मैं...!