- जितेंद्र चौहान
मैंने आँखों में तुम्हारे प्यार का
काजल लगा रखा है
मुझे सिर्फ तुम ही तुम दिखती हो
मैंने लिपस्टिक की तरह
होठों पर तुम्हारा नाम
सुर्ख यादों के साथ लगा रखा है
यह सिर्फ तुम्हें पुकारते हैं
मैंने पैरों में तुम्हारे प्रेम की
पायल पहन रखी है
ये जब देखो तब
तुम्हारे घर के लिए
ठुनक उठते हैं
तुम हो कि मुझे
छोड़कर चली गई हो
इंतजार के घर में
छोड़कर हमेशा के लिए।