नचिकेता
तुम मेरे जीवन में रंगों की तलाश हो
आँखों में सपने
सपनों की परिभाषा तुम
सुख-दुख की पहचान
समय की हो भाषा तुम
तुम्हीं भोर की हँसी
हँसी का सित उजास हो
तुम्हीं पसीने की
बूँदों की जिजीविषा हो
हँसी, खुशी, उल्लास, उमंगों-भरी तृषा हो
ताजा पकी हुई रोटी की वरद बास हो
हर रिश्ते-नाते की मीठी गरमाहट तुम
आने वाले कल के पाँवों की आहट तुम
तुम्हीं बदलती हुई सभ्यता का डिहाँस हो।