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देर से आना, जल्दी जाना

आई एम सॉरी टाइम भूल गया ...

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हमें फॉलो करें प्यार

गायत्री शर्मा

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प्यार एक ऐसा भाव है, जिसके आते ही खुशी, क्रोध, दया, सहानुभूति, मोह आदि भाव स्वत: ही आ जाते हैं। यदि हम चिंता की बात करें तो चिंता भी एक ऐसा ही भाव है, जो प्यार की सहगामी है। जहाँ प्यार होता है, वहाँ चिंता और फ्रिक होना स्वाभाविक है। प्यार में एक पल का भी इंतजार बर्दाश्त नहीं होता है। यहाँ देरी का मतलब साथी की बेरुखी माना जाता है।

प्रेमियों की नजरें हर कहीं अपने साथी को ही तलाशती रहती हैं। उनका साथी भले ही दूर हो पर आसपास होना चाहिए। भले ही उसका दीदार न हो पर उसकी खबर होनी चाहिए। ऐसे में देरी हो जाने पर या बेरुखी में साथी के रूठ जाने पर उसकी चिंता-फिक्र होना स्वाभाविक ही है।

  कहते हैं प्यार के लिए चार पल भी कम नहीं होते परंतु उन चार पलों का पूरा लुत्फ उठाना बहुत जरूरी है। यदि आप लेटलतीफी और एक-दूसरे पर दोषारोपण में ही वक्त गुजार देंगे तो शायद बाद में आप दोनों को वक्त के आगे और खुद के पीछे चलने पर पछतावा होगा।      
हम सभी छोटी-छोटी बातों पर एक-दूसरे से लड़ने-झगड़ने बैठ जाते हैं। मगर क्या आपको पता है कि अधिकांश प्रेमियों का झगड़ा किस बात को लेकर होता है? उनके झगड़े ‍की मुख्य वजह घड़ी की सूइयों का जल्दी और उनका देरी से चलना होता है। तभी तो देरी से आते ही स्वागत में यह जुमला सुनाया जाता है कि 'तुम आज फिर इतनी देर से क्यों आए, टाइम का जरा तो खयाल रखा करो। हर बार लेट, लेट, लेट'।

इस प्रकार के झगड़ों में अकसर लड़कों की ही लापरवाही उजागर होती है क्योंकि उन्हें हर चीज याद रहती है, बस याद नहीं रहता तो वो है घड़ी में टाइम देखना। हर बार गलती करने पर उनका एक्सक्यूज होता है कि 'अरे बाबा! मैं तो ये भूल ही गया था।' सच ही है कि यदि लड़के समय पर हर काम कर लें तो फिर झगड़े की बात ही न हो।

एक तो घंटों का इंतजार और उस पर घरवालों की डाँट-फटकार दोनों ही जैसे प्रेमियों की किस्मत का लिखा होता है। ऐसे में एक-दूसरे पर दोषारोपण करना इनकी दिनचर्या का एक हिस्सा बन जाता है। इन सभी परेशानियों का एक ही निदान है और वो है समय का विशेष ध्यान रखना। यदि आप समय पर हर काम करते हैं तो अपने प्रेमी ही क्या, बल्कि सभी लोगों का दिल आसानी से जीत सकते हैं।

कहते हैं प्यार के लिए चार पल भी कम नहीं होते परंतु उन चार पलों का पूरा लुत्फ उठाना बहुत जरूरी है। यदि आप लेटलतीफी और एक-दूसरे पर दोषारोपण में ही वक्त गुजार देंगे तो शायद बाद में आप दोनों को वक्त के आगे और खुद के पीछे चलने पर पछतावा होगा। इसलिए हर पल में खुशी है, बस जरूरत है तो उन खुशियों का भरपूर लुत्फ उठाने की।

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