अपने सपनों की मल्लिका से अगर दिल की बात करनी हो तो फूलों से बेहतर तोहफा और क्या हो सकता है? अगर आप भी अपने दिल की बात फूलों के साथ बयाँ करने का मन बना चुकें हैं, तो एक बार इस ओर भी ध्यान दें। फूलों के बुके बनाने वाली एक संस्था के मालिक फरहीन ताहिर के सर्वेक्षण के अनुसार, फूल देकर अपने प्यार का इजहार करने का पुराना तरीका अब महिलाओं को ज्यादा नहीं भाता, बल्कि अधिकतर महिलाएँ इस तरीके को उबाऊ व बोझिल मानती हैं। महिलाओं का एक बड़ा वर्ग इस तरीके को नाटकीयता भरा मानता है, जो इस यथार्थवादी युग में किसी काम का नहीं है।
आइए,नजर डालते हैं फूलों के जरिए प्यार के इजहार पर महिलाएँ क्या सोचती हैं- यदि सर्वेक्षण की रिपोर्ट पर गौर करें तो 54 प्रतिशत महिलाएँ दफ्तर में भिजवाए गए फूलों पर खुश न होकर, इस तरीके को शर्मनाक मानती हैं। जबकि 63 प्रतिशत महिलाओं का मानना है कि फूल देकर अपने प्यार का इजहार करना काफी पुराना और बोझिल तरीका है। 32 प्रतिशत महिलाओं का मानना है कि फूल देखकर उनका दिल बाग-बाग नहीं होता है और 19 प्रतिशत महिलाओं का मानना है कि उन्हें फूल तभी सुहाते हैं, जब उनके साथ कोई और तोहफा भी हो।
केवल 5 प्रतिशत महिलाएँ ऐसी हैं, जो फूलों को ही प्यार के इजहार का सही जरिया मानती हैं। सर्वेक्षण के अनुसार 34 प्रतिशत कामकाजी महिलाएँ इसे बचकाना मानती हैं और 13 प्रतिशत महिलाएँ फूलों को अपने घर ले जाने से हिचकिचाती हैं।
ताहिर के अनुसार पुरुषों के लिये बेहतर होगा कि वे फूलों के बजाय अपने दिल की बात का इजहार किसी और खूबसूरत तोहफे से करें।
तो अगर आप फूलों से अपने प्यार का इजहार करने वाले हैं, तो इस बार अपना इरादा बदल लीजिए और फूलों के बजाय किसी खूबसूरत तोहफे के साथ अपने दिल की बात कह डालिए। वरना फूलों में बसा आपका प्यार, कहीं आपकी प्रेमिका के लिए शर्मिंदगी का सबब न बन जाए...।