संयुक्त राष्ट्र। यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद शुरू हुए युद्ध ने अनेक विकासशील देशों की अर्थव्यवस्था के लिए तबाही का खतरा पैदा कर दिया है। ये देश पहले ही खाद्यान्न और ईंधन की बढ़ती कीमतों का सामना कर रहे हैं साथ ही जटिल आर्थिक हालात से जूझ रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने एक रिपोर्ट जारी की और कहा कि युद्ध गरीब देशों में भोजन, ईंधन तथा आर्थिक संकट को और गहरा कर रहा है। ये देश पहले से ही महामारी, जलवायु परिवर्तन और आर्थिक सुधार के लिए धन की कमी से निपटने में संघर्ष कर रहे हैं।
गुतारेस ने कहा कि हम अब एक तूफान का सामना कर रहे हैं जो कई विकासशील देशों की अर्थव्यवस्थाओं को तबाह करने की चेतावनी देता है। लगभग 1.7 अरब लोग अब भोजन, ऊर्जा और वित्त प्रणालियों में संकट की जद में आने के करीब हैं। इनमें से एक तिहाई लोग पहले ही गरीबी में जी रहे हैं।
व्यापार और विकास को बढ़ावा देने वाली संयुक्त राष्ट्र एजेंसी की महासचिव रेबेका ग्रिनस्पैन ने कहा कि ये लोग 107 देशों में रहते हैं,जिनके किसी न किसी संकट की जद में आने का काफी जोखिम है।
रिपोर्ट के अनुसार, इन देशों में लोग स्वस्थ आहार नहीं ले पा रहे हैं, भोजन और ऊर्जा की जरूरतों को पूरा करने के लिए आयात आवश्यक है, लेकिन कर्ज का बोझ और सीमित संसाधन अनेक वैश्विक वित्तीय स्थितियों से निपटने की सरकार की क्षमता को सीमित करते हैं।