मास्को। रूस एक तरफ यूक्रेन पर लगातार हमले कर रहा है, वहीं दूसरी ओर अमेरिका द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों को लेकर पलटवार करते हुए रूस ने मंगलवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और कई अन्य अमेरिकी राजनयिकों पर प्रतिबंध लगा दिए।
यूक्रेन पर हमले को लेकर रूस के खिलाफ अमेरिका ने कई प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी। इसके जवाब में रूस ने यह कार्यवाई की है। इसके अलावा रूसी प्रतिबंध सूची में अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सहायक जेक सुलिवन, यूएस चीफ ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष मार्क मिले और कई अन्य शीर्ष अमेरिकी अधिकारी शामिल हैं।
रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा कि देश के खिलाफ घृणा फैलाने के लिए इस प्रतिबंधित सूची में कई अमेरिकी नागरिकों को भी शामिल किया जा सकता है। मंत्रालय ने कहा कि निकट भविष्य में शीर्ष अमेरिकी अधिकारियों, सैन्य, विधायकों, व्यापारियों, विशेषज्ञों और मीडियाकर्मियों को शामिल करके प्रतिबंधों की सूची का विस्तार करने के लिए नई घोषणाएं की जाएंगी, जो रूसोफोबिक हैं, या जो रूस के प्रति घृणा भड़काने में योगदान देते हैं।
रूस में भड़की महंगाई : अमेरिका के अलावा कई पश्चिमी देशों ने यूक्रेन के खिलाफ युद्ध को लेकर रूस पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं। रूस की आम जनता पर इसका सबसे ज्यादा असर पड़ा है। रूस में महंगाई बढ़ गई है और रूस की मुद्रा रूबल औंधे मुंह गिर गई है।
खाद्य वस्तुओं के दाम देश में आसमान छू रहे हैं। रूस के वित्त मंत्री अंटोन सिलुआनोव ने यह जानकारी दी है कि पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों के बाद रूस विदेशी मुद्रा में डॉलर और यूरो रिजर्व का प्रयोग नहीं कर पा रहा है। इसके विकल्प के तौर पर रूस चीनी मुद्रा युआन का प्रयोग करेगा।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के कारण रूस जिन वस्तुओं का आयात नहीं कर पा रहा उनके दाम काफी बढ़ गए हैं। रूस के वित्तीय संस्थानों को SWIFT अंतररराष्ट्रीय पेमेंट सिस्टम से हटा दिया गया है जिसके कारण रूस में पेमेंट करना और रूस के बाहर पैसा भेजना मुश्किल हो गया है।