द हेग। कीव के एक प्रतिनिधि ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अदालत से रूस द्वारा यूक्रेन पर विनाशकारी आक्रमण को रोकने का आदेश देने का अनुरोध किए जाने के बीच रूस ने सुनवाई को खारिज कर दिया। यूक्रेनी प्रतिनिधि एंटोन कोरीनेविच ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में न्यायाधीशों से कहा कि रूस को रोका जाना चाहिए और इसे रोकने में अदालत की भूमिका है।
यूक्रेन ने अदालत से कहा है कि वह रूस को 24 फरवरी को शुरू किए गए सैन्य अभियानों को तुरंत निलंबित करने का आदेश दे। रूस के मुताबिक इस हमले का कथित उद्देश्य लुहान्स्क और दोनेत्स्क के अलगाववादी पूर्वी क्षेत्रों में 'नरसंहार' की रोकथाम और उसके लिए सजा देना है।
कोरीनेविच ने मॉस्को की तरफ से किए गए नरसंहार के दावे को भयावह झूठ करार दे खारिज किया। उन्होंने कहा कि तथ्य यह है कि रूस की खाली सीटें काफी कुछ कहती हैं। वे इस अदालत में मौजूद नहीं हैं। वे युद्धभूमि में मेरे देश के खिलाफ आक्रामक जंग छेड़ रहे हैं। यूक्रेन की याचिका पर कुछ दिनों में फैसला आने की उम्मीद है।
एम्स्टर्डम विश्वविद्यालय में सैन्य कानून के प्रोफेसर टेरी गिल ने कहा कि अगर अदालत ने युद्ध को रोकने का आदेश दिया तो मुझे लगता है कि उस पर अमल होने की संभावना शून्य है। उन्होंने कहा कि अगर देश अदालत के न्यायाधीश के आदेशों का अनुपालन नहीं करते हैं तो वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से कार्रवाई के लिए कह सकते हैं लेकिन वहां रूस के पास वीटो का अधिकार है।
अदालत के 'पीस पैलेस' मुख्यालय में 'ग्रेट हॉल ऑफ जस्टिस' में यूक्रेन के अनुरोध पर हो रही सुनवाई के दौरान रूस की सीटें खाली थीं। यूक्रेन ने अदालत से मॉस्को को अपने हमले को रोकने का आदेश देने का अनुरोध किया था। अदालत के अध्यक्ष, अमेरिकी न्यायाधीश जोआन ई. डोनोग्यू ने कहा कि नीदरलैंड्स में रूस के राजदूत ने न्यायाधीशों को सूचित किया कि उनकी सरकार का मौखिक कार्यवाही में भाग लेने का इरादा नहीं था।