रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine war) के 34 दिनों बाद एक राहतभरी खबर सामने आई है। युद्ध को खत्म करने के लिए दोनों देशों के बीच बातचीत भी हुई है लेकिन अब तक इसका कोई नतीजा नहीं निकला था। अब तुर्की में युद्ध को लेकर दोनों देशों के बीच गंभीर बैठक हुई है। इसे शांति वार्ता कहा जा रहा है।
ऐसे में दुनिया की निगाहें इस बैठक के परिणामों पर लगी हुई है। इस बैठक के मद्देनजर रूस ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा है कि रूसी सेना अब यूक्रेन की राजधानी कीव की दिशा में अपनी सैन्य गतिविधियों को सीमित करेगी। रूस द्वारा 24 फरवरी को यूक्रेन पर शुरू किए गए हमले के बाद पहली बार है, जब रूस ने कुछ नरमी के संकेत दिए हैं।
रूस के उप रक्षा मंत्री एलेक्जेंडर फोमिन ने मंगलवार को कहा कि युद्ध समाप्त किए जाने के उद्देश्य से जारी वार्ता में 'विश्वास बढ़ाने के लिए' मॉस्को ने कीव और चेर्नीहीव के पास अभियान में 'मौलिक रूप से कटौती' करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि रूसी बल कीव और चेर्नीहीव की दिशा में सैन्य गतिविधियों में कटौती करेंगे। तुर्की में मंगलवार को रूस और यूक्रेन के वार्ताकारों के बीच हो रही आमने-सामने की बातचीत के दौरान फोमिन का ये बयान सामने आया है।
7 लोगों की मौत : यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने मंगलवार को कहा कि दक्षिणी शहर माइकोलीव में क्षेत्रीय सरकार के मुख्यालय पर मिसाइल हमले में सात लोगों की मौत हो गई। जेलेंस्की ने दुभाषिए के जरिए डेनमार्क की संसद को संबोधित करते हुए कहा कि मंगलवार को रूसी सैनिकों के हमले में 22 लोग घायल हो गए। स्थानीय गवर्नर विटाइली किम के टेलीग्राम चैनल पर एक वीडियो में दिखा कि हमले से नौ मंजिला इमारत बीच में से नष्ट हो गई।
किम ने आरोप लगाया कि रूसी सेना ने हमला करने से पहले इमारत में कर्मचारियों के आने का इंतजार किया और कहा कि वह भाग्यशाली हैं क्योंकि वह वहां नहीं पहुंचे थे। जेलेंस्की ने हाल के दिनों में अमेरिका, ब्रिटेन, स्वीडन, जर्मनी, कनाडा, इजराइल, जापान और यूरोपीय संघ सहित कई देशों में सांसदों को संबोधित किया है।
वह बुधवार को नॉर्वे की संसद को संबोधित करने वाले हैं। जेलेंस्की ने डेनमार्क की संसद को संबोधित करते हुए कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जो नृशंसता दिखी थी, उससे भी ज्यादा हिंसा हो रही है।
बुआई के समय खेतों में सन्नाटा : युद्ध से जूझ रहे यूक्रेन में बुआई का मौसम आ गया है,लेकिन खेत खलिहानों में फसल उगाने को लेकर कोई गतिविधियां होती नहीं दिखाई दे रहीं हैं। पावलोविच परिवार के खेत में सन्नाटा पसरा है क्योंकि एक हफ्ते पहले उनका 25 वर्षीय सैनिक बेटा रोमन मारियुपोल के पास मारा गया है। रोमन के पिता भी मंगलवार को युद्ध में शामिल होने के लिए निकल पड़े हैं।
रोमन की मां मारिया रुंधे गले से कहती हैं कि अग्रिम मोर्चा हमारे सर्वश्रेष्ठ लोगों से भरा है। लेकिन अब सब मर रहे हैं। यूक्रेन और रूस का वैश्विक गेहूं और जौ के निर्यात में एक तिहाई हिस्सा है। युद्ध के चलते इस वस्तुओं के लिए रूस और यूक्रेन पर निर्भर देशों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
युद्ध ने यूक्रेन के गेहूं पर निर्भर इंडोनेशिया, मिस्र, यमन और लेबनान सहित अन्य देशों में भोजन की कमी और राजनीतिक अस्थिरता के खतरे को बढ़ा दिया है। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि कितने किसान परिवार देश में मुश्किल हालात के बीच फसल उगाने में सक्षम होंगे, क्योंकि रास्ते बंदरगाह ,सड़कें आदि तबाह हो गए हैं। जिससे खेती के सामान आ पाने की संभावना बेहद कम है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने हाल ही में एक संबोधन में कहा था कि हम रूसी गोलाबारी के बीच फसल कैसे बो सकते हैं? हम कैसे फसल बो सकते हैं जब दुश्मन जानबूझकर खेतों को, ईंधन के ठिकानों को नष्ट कर रहा है? उन्होंने कहा था कि हम नहीं जानते कि हमारे पास कौन सी फसल होगी और क्या हम निर्यात कर पाएंगे।