दुनिया के कई देशों के लोग यूक्रेन में फंसे हुए हैं। लेकिन इन्हें निकालने के लिए उन देशों के पास कोई पुख्ता प्रबंध नहीं है, दूसरी तरफ भारत ने ऑपरेशन गंगा की मदद से कई लोगों को बचाया और यह ऑपरेशन अभी चल रहा है। अब तो पीएम मोदी ने अपने चार मंत्रियों को इस मिशन को अंजाम देने के लिए यूक्रेन भेजने का फैसला किया है।
दरअसल, 'ऑपरेशन गंगा' अभियान युद्धस्तर पर चलाया जा रहा है। जबकि अन्य देश अपने लोगों को वतन लाने के मामले में काफी पीछे चल रहे हैं।
यूक्रेन में 80 हजार विदेशी छात्रों में सबसे ज्यादा भारतीय हैं। इसके बाद मोरक्को, अज़रबैजान, तुर्कमेनिस्तान और नाइजीरिया के छात्रों का नंबर आता है।
यूक्रेन से अभी तक भारत ने अपने सैकड़ों छात्रों को निकाला है। चीन ने 6 हजार नागरिकों को निकालने में सफलता हासिल की है, लेकिन उसने अपना अभियान रोक दिया है। भारत का 'ऑपरेशन गंगा' जारी है।
अमेरिका ने वहां से 900 कर्मचारी निकाले हैं। ब्रिटेन, जर्मनी, मिस्र, मोरक्को और नाइजीरिया ने अपने नागरिकों के लिए इंतजाम नहीं किए। कुछ देशों ने अपने लोगों से सीमावर्ती दूसरे देशों की सीमा पर जाने को कहा है।
अमेरिका ने साफ कह दिया कि वो अपने नागरिकों को निकालने में सक्षम नहीं है, उनके नागरिक सीमा पार कर दूसरे पड़ोसी देशों में पहुंचे। ब्रिटेन भी ज्यादा सपोर्ट नहीं दे रहा है। उसने अपने नागरिकों से कहा कि वह यूक्रेन की एडवाइजरी पर ही अमल करें। जर्मनी ने तो अपना दूतावास ही अस्थायी तौर पर बंद कर दिया है।
भारत सरकार ने यूक्रेन में फंसे छात्रों समेत भारतीयों को बाहर निकालने की प्रक्रिया में समन्वय के लिए चार मंत्रियों को युद्धग्रस्त देश के पड़ोसी देशों मे भेजने का फैसला किया।