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हिन्दुओं के 11 सबसे मजेदार और प्रमुख त्योहार

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अनिरुद्ध जोशी

हिन्दू धर्म में वैसे तो बहुत सारे त्योहार हैं। सभी त्योहार या पर्व धर्म, मौसम और उत्सव से जुड़े हुए हैं। लेकिन हम यहां कुछ खास और मजेदार 11 त्योहारों की जानकारी देंगे जिसे संपूर्ण भारतवर्ष में मनाया जाता है।
 
 
1. मकर संक्रांति : मकर संक्रांति के दिन सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है। इस दिन से सूर्य उत्तरायण होने लगता है। हिन्दू महीने के अनुसार पौष शुक्ल पक्ष में आने वाला यह त्योहार देश के लगभग सभी राज्यों में अलग-अलग सांस्कृतिक रूपों में मनाया जाता है। दक्षिण में इसे पोंगल और पंजाब में लोहड़ी कहते हैं। इस दिन गाय को चारा देना, तिल-गुड़ खाना और पतंग उड़ाने का महत्व है।
 
2. महाशिवरात्रि : फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है। यह हिन्दुओं का सबसे बड़ा त्योहार होता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन शिवजी पहली बार प्रकट हुए थे। इसी दिन उनका विवाह पार्वती से हुआ था। इसी दिन ज्योतिर्लिंग का भी प्राकट्य हुआ था इसीलिए यह पर्व बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है।
 
3. होली : फाल्गुन माह की पूर्णिमा में होलिकात्सव मनाया जाता है। यह त्योहार होलिकादहन से प्रारंभ होता है और रंगपंचमी तक चलता है। बीच में धुलेंडी आती है। पूरे देश में होली और रंगपंचमी को धूमधाम से मनाया जाता है। इस दौरान मथुरा, वृंदावन और बरसाने की होली काफी प्रसिद्ध होती है। यह उत्सव वसंत के आगमन और विष्णु भक्त प्रहलाद की याद में मनाया जाता है। होली की ठंडाई, मिठाई और गीत के बीच रंगारंग माहौल होता है।
 
4. गुड़ी पड़वा/उगादि या नवसंवत्सर : चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को हिन्दुओं का नववर्ष प्रारंभ होता है। इस दिन संपूर्ण भारतवर्ष में उत्सव होता है। मिठाई का वितरण होता है और कुछ नया या मांगलिक कार्य किया जाता है। हर प्रांत में इसका नाम अलग-अलग है और इसे मनाने के तरीके भी भिन्न हैं। चैत्र माह हिन्दू कैलेंडर का प्रथम माह है।
 
5. रामनवमी : भगवान श्रीराम का जन्म चैत्र माह की शुक्ल पक्ष की नवमी को हुआ था इसलिए इसे रामनवमी कहते हैं। यह दिन बहुत शुभ और पवित्र माना जाता है। यह बड़ी नवरात्रि पर्व का अंतिम दिन भी होता है। इस दिन उत्सवमयी माहौल रहता है।
 
6. ओणम : राजा महाबली या बलि से जुड़ा यह पर्व खासकर दक्षिण भारत में दीपावली की तरह मनाया जाता है। महाबली से ही विष्णु के अवतार वामन ने तीन पग धरती मांगी थी। सदियों से ऐसी मान्यता चली आ रही है कि ओणम के दिन राजा बलि अपनी प्रजा से मिलने आते हैं, इसी खुशी में ओणम पर्व मनता है।
 
7. रक्षाबंधन : श्रावण माह की पूर्णिमा को भाई-बहन का त्योहार रक्षाबंधन मनाया जाता है। यह त्योहार राजा महाबली, इंद्र और यम से जुड़ा हुआ है। इस दिन भाई को बहनें राखी बांधती हैं जिसे रक्षा सूत्र भी कहते हैं। भाई अपनी बहनों की रक्षा का वचन देता है। इस दिन अच्छे-अच्छे पकवान और मिठाइयां बनाई जाती हैं।
 
8. कृष्ण जन्माष्टमी : भाद्रपद माह की अष्टमी को भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था इसीलिए इसे जन्माष्टमी कहते हैं। इस जन्मोत्सव को बहुत ही सुंदर तरीके से नाच-गाकर मनाया जाता है। तरह-तरह के पकवान खाए जाते हैं और पूरे भारत में एक उत्सव का माहौल होता है।
 
9. गणेश चतुर्थी : भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेशजी का जन्मोत्सव मनाया जाता है। गणेश स्‍थापना चतुर्थी और विसर्जन चतुर्दशी तक चलने वाले इस त्योहार की पूरे देश में धूम रहती है। कहीं-कहीं यह उत्सव 3 दिन तक ही चलता है जबकि मूल रूप से यह 10 दिन का उत्सव है। महाराष्ट्र में इस त्योहार को खासकर मनाया जाता है।
 
10. नवरात्रि : नवरात्रि का त्योहार वर्ष में 2 बार आता है- पहला चैत्र माह में और दूसरा आश्विन माह में। आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को आने वाली नवरात्रि का ही महत्व है। इस दिन नृत्य और उत्सव के साथ ही दुर्गा की पूजा की जाती है। 9 दिन तक चलने वाला यह त्योहार सभी के मन में उत्साह, साहस और खुशियां भर देता है।
 
11. दीपावली : कार्तिक माह की अमावस्या को प्रकाश के इस प्रमुख उत्सव को कई कारणों से मनाया जाता है। यह त्योहार भी धनतेरस से 2 दिन पहले प्रारंभ होता है और छोटी दिवाली तक चलता है। हालांकि इसकी शुरुआत दशहरा से ही हो जाती है। इस बीच नरक चतुर्दशी, दीपावली, भैया दूज और गोवर्धन पूजा का त्योहार भी मनाया जाता है। इस दिन दीया जलाने, घर की सजावट करने, रंगोली बनाने, नए वस्त्र पहनने, खरीददारी करने, आतिशबाजी, काली, कृष्ण और लक्ष्मी की पूजा करने, उपहार लेने-देने, पकवान और मिठाइयां बांटने की परंपरा रहती है।

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