ब्रह्मा ने क्यों बनाए विशालकाय मानव?
नई दिल्ली। भारत के उत्तरी क्षेत्र में खुदाई के समय नेशनल ज्योग्राफिक (भारतीय प्रभाग) को 22 फुट का विशाल नरकंकाल मिला है। उत्तर के रेगिस्तानी इलाके में एम्प्टी क्षेत्र के नाम से जाना जाने वाला यह क्षेत्र सेना के नियंत्रण में है। यह वही इलाका है, जहां से कभी प्राचीनकाल में सरस्वती नदी बहती थी।
इस कंकाल को वर्ष 2007 में नेशनल जिओग्राफी की टीम ने भारतीय सेना की सहायता से उत्तर भारत के इस इलाके में खोजा। 8 सितंबर 2007 को इस आशय की खबर कुछ समाचार-पत्रों में प्रकाशित हुई थी। हालांकि इस तरह की खबरों की सत्यता की कोई पुष्टि नहीं हुई है। इस मामले में जब तक कोई अधिकृत बयान नहीं जारी होता, यह असत्य ही मानी जा रही है।
बताया जाता है कि कद-काठी के हिसाब से यह कंकाल महाभारत के भीम पुत्र घटोत्कच के विवरण से मिलता-जुलता है। हालांकि इसकी तुलना अमेरिका में पाए जाने वाले बिगफुट से भी की जा रही है जिनकी औसत हाइट अनुमानत: 8 फुट की है। इसकी तुलना हिमालय में पाए जाने वाले यति से भी की जा रही है, जो बिगफुट के समान ही है।
नेशनल ज्योग्राफी की टीम ने यहां खुदाई करने से पहले भूमि के कुछ विशेष चिह्नित इलाकों का स्पेशल एक्स-रे किया था जिसमें उनको यह पता चला कि जमीन के भीतर कुछ विशेष है। बाद में यहां खुदाई करने के बाद एक विशालकाय नरकंकाल मिला। जिसकी खोपड़ी का आकार 10 फुट से अधिक था। यह पूरा कंकाल तकरीबन 30 फुट के करीब है।
इसके अलावा यहां खुदाई करने पर टीम को कुछ शिलालेख भी मिले जिसमें ब्राह्मी लिपी में कुछ अंकित है। इस भाषा का विशेषज्ञों ने अनुवाद किया।
इसमें लिखा है कि ब्रह्मा ने मनुष्यों में शांति स्थापित करने के लिए विशेष आकार के विशालकय मनुष्यों की रचना की थी। विशेष आकार के मनुष्यों की रचना एक ही बार हुई थी। ये लोग काफी शक्तिशाली होते थे और पेड़ तक को अपनी भुजाओं से उखाड़ सकते थे। लेकिन इन लोगों ने अपनी शक्ति का दुरुपयोग करना शुरू कर दिया और आपस में लड़ने के बाद देवताओं को ही चुनौती देने लगे। अंत में भगवान शंकर ने सभी को मार डाला और उसके बाद ऐसे लोगों की रचना फिर नहीं की गई।
बाइबिल में भी उल्लेख, जानिए अगले पन्ने पर...
विशालकाय लम्बे चौड़े राक्षसों जैसे मानव पले धरती पर रहते थे। बाइबिल अनुसार इन्हें 'नेफिलीम' कहा गया है। यह स्वर्गदूतों के बहिष्कृत दूत थे। इन लोगों ने धरती की सुंदर सुंदर स्त्रियों को देखा और उनके साथ रहने लगे। बाइबल कहती है कि ऐसा करना गलत था, क्योंकि परमेश्वर ने स्वर्गदूतों को स्वर्ग में रहने के लिए बनाया था, न कि धरती पर।
आगे चलकर इन औरतों के बच्चे हुए। पहले तो ये बच्चे एकदम दूसरे बच्चों की तरह दिखते थे। मगर एक बार जब वे बढ़ने लगे, तो वे बड़े, बड़े, और बड़े होते गए। वे इतने बड़े हो गए कि बाकी सब लोगों से ज्यादा लंबे और ताकतवर बन गए। इन्हीं को नेफिलीम कहा जाता था।
भारतीय, मिस्र, ग्रीस, मैक्सिको, सुमेरू, बेबीलोनिया और माया सभ्यता अनुसार वे कई प्रकार के थे जैसे आधे मानव और आधे जानवर।
शोधकर्ता मानते हैं कि उनमें से बचे कुछ 'नेफिलीम' आज भी धरती पर मौजूद हैं। वे हमें इसलिए दिखाई नहीं देते है, क्योंकि या तो में हिमालय की अनजान जगहों पर रहते हैं या पाताल की गुप्त सुरंगों में। हमने कई लोगों को यह कहते सुना है कि 'बिगफुट' देखा गया।