Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

इन 10 तरह की बाधा से बचाते हैं हनुमानजी

हमें फॉलो करें इन 10 तरह की बाधा से बचाते हैं हनुमानजी

अनिरुद्ध जोशी

चारों जुग परताप तुम्हारा, है परसिद्ध जगत उजियारा॥
संकट कटै मिटै सब पीरा, जो सुमिरै हनुमत बलबीरा॥ 
अंतकाल रघुवरपुर जाई, जहां जन्म हरिभक्त कहाई॥ 
और देवता चित्त ना धरई, हनुमत सेई सर्व सुख करई॥
 
सब सुख लहै तुम्हारी सरना, तुम रक्षक काहू को डरना ॥22॥ अर्थ- जो भी आपकी शरण में आते हैं, उस सभी को आनन्द प्राप्त होता है, और जब आप रक्षक है, तो फिर किसी का डर नहीं रहता।
हिन्दू धर्म के सबसे जाग्रत और सर्वशक्तिशाली देवताओं में एकमत्र हनुमानजी की कृपा जिस पर बरसरना शुरू होती है उसका कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता। दस दिशाओं और चारों युग में उनका प्रताप है। जो कोई भी व्यक्ति उनसे जुड़ा समझों उसका संकट कटा। प्रतिदिन हनुमान चालीसा पढ़ना चाहिए। मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन व्रत करने से और इसी दिन हनुमान-पाठ, जप, अनुष्ठान आदि प्रारंभ करने से त्वरित फल प्राप्त होता है। 
 
हनुमानजी इस कलियुग में सबसे ज्यादा जाग्रत और साक्षात हैं। कलियुग में हनुमानजी की भक्ति ही लोगों को दुख और संकट से बचाने में सक्षम हैं। बहुत से लोग किसी बाबा, गुरु, अन्य देवी-देवता, ज्योतिष और तांत्रिकों के चक्कर में भटकते रहते हैं, क्योंकि वे हनुमानजी की भक्ति-शक्ति को नहीं पहचानते। ऐसे भटके हुए लोगों का राम ही भला करे। हनुमानजी की भक्ति और हनुमान चालीसा पढ़ने से व्यक्ति खुद को इन 10 तरह की बाधाओं से बचा लेता है।
 
अगले पन्ने पर पहली बाधा...
 
 

भूत-पिशाच : भूत पिशाच निकट नहिं आवै, महावीर जब नाम सुनावै॥24॥ अर्थ : जहां महावीर हनुमानजी का नाम सुनाया जाता है, वहां भूत, पिशाच पास भी नहीं फटक सकते। जिसे किसी अनजान शक्ति या भूत पिशाच आदि से डर लगता है वे हनुमानजी का बस नाम ही जपते रहेंगे तो भय‍मुक्त हो जाएंगे।
webdunia
भूत-पिशाच जैसी ऊपरी बाधाओं से परेशान व्यक्ति को बजरंगबाण का पाठ करना चाहिए और नित्य या मंगलवार और शनिवार को हनुमान मंदिर में जाकर हनुमानजी को अगरबत्ती लगाना चाहिए।
 
फैक्ट्री या व्यवसाय-स्थान आदि पर भूत-प्रेतों का साया न पड़े, इसके लिए अपने-अपने प्रतिष्ठानों के ऊपर हनुमान ध्वज (झंडा) लगाना चाहिए। यह ध्वज लाल कलर का हो। बुरी आत्माओं का प्रवेश घर में न हो, इसके लिए द्वार पर सिंदूर से राम-राम लिखकर 7 बिंदु लगा दे जिससे आपका घर सुरक्षित रहेगा। मकान के आसपास शमशान हो या कोई खंडहर भवन हो तो ऐसे में मकान के ऊपर हनुमत-ध्वज की स्थापना कर देनी चाहिए।
 
भयमु‍क्त जीवन : यदि आप अंधेरे, भूत-प्रेत से डरते हैं या किसी भी प्रकार का भय है तो आप 'हं हनुमंते नम:' का रात को सोने से पूर्व हाथ-पैर और कान-नाक धोकर पूर्वाभिमुख होकर 108 बार जप करके सो जाएं। कुछ ही दिनों में धीरे-धीरे आपमें निर्भीकता का संचार होने लगेगा। 
 
अगले पनने पर दूसरी बाधा...
 

शनि और ग्रह बाधा : जिसे लगाता है कि उसको शनि या अन्य किसी ग्रह की बाधा है, साढ़े साती, अढ़ाय्या या राहु की महादशा चल रहा है तो घबराने की जरूरत नहीं। जिन पर हनुमानजी की जिस पर कृपा होती है, उसका शनि और यमराज भी बाल बांका नहीं कर सकते। आप प्रति मंगलवार हनुमान मंदिर जाएं और शराब व मांस के सेवन से दूर रहें। इसके अलावा शनिवार को सुंदरकांड या हनुमान चालीसा पाठ करने से शनि भगवान आपको लाभ देने लगेंगे। शनिवार को हनुमान मंदिर में जाकर हनुमानजी को आटे के दीपक लगाएं।
webdunia
पहला कारण : चंद्रमा को हनुमानजी ने शनि से बचाया था तो वे चंद्रशेखर कहलाए थे। एक बार रामजप में बाधा डालने के बारण शनिदेव को हनुमानजी ने अपनी पूंछ में लपेट लिया था और अपना रामकार्य करने लग गए थे। इस दौरान शनिदेव को कई चोटे आई। बाद में जब हनुमानजी को याद आया तो उन्होंने शनिदेव को मुक्त किया। तब शनिदनेव को अपनी भूल का अहसास हुआ और उन्होंने कहा कि आज के बाद में रामकार्य और आपके भक्तों भक्तों के कार्य में कोई बाधा नहीं डालूंगा। एक बार हनुनामजनी ने शनिदेव को रावण की कैद से मुक्त कराया था तब शनि भगवान ने वचन दिया था कि मैं आपके किसी भी भक्त पर अपनी कृपा बनाए रखूंगा।
 
दूसरा कारण : पराशर संहिता में हनुमानजी की शादी का उल्लेख है। माना जाता है कि हनुमानजी का विवाह सूर्य की पुत्री सुवर्चला से हुआ था। आंध्रप्रदेश के खम्मम में एक प्राचीन हनुमान मंदिर है जहां हनुमान जी के साथ उनकी पत्नी की भी मूर्ति विराजमान है। शास्त्रों में शनि महाराज को सूर्य का पुत्र बताया गया है। इस नाते हनुमान जी की पत्नी सुवर्चला शनि महाराज की बहन हुई। और सबके संकट दूर करने वाले हनुमान जी भाग्य के देवता शनि महाराज के बहनोई हुए।
 
अगले पन्ने पर तीसरी बात...
 

रोग और शोक : नासै रोग हरै सब पीरा, जपत निरंतर हनुमत बीरा ॥25॥ अर्थ : वीर हनुमानजी! आपका निरंतर जप करने से सब रोग चले जाते हैं और सब पीड़ा मिट जाती है। यदि आपको शरीर में पीड़ा है या आप किसी रोग से ग्रस्त हैं तो आप हनुमान बहुक का पाठ करें।
webdunia
हनुमान बाहुक गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित स्त्रोत है। जनश्रुति के अनुसार एकबार जब कलियुग के प्रकोप से उनकी भुजा में अत्यंत पीड़ा हुई तो उसके निवारण के लिये तुलसीदास जी ने इस स्त्रोत की रचना की।
 
यदि आप गठिया, वात, सिरदर्द, कंठ रोग, जोड़ों का दर्द आदि तरह के दर्द से परेशान हैं, तो जल का एक पात्र सामने रखकर हनुमान बाहुक का 26 या 21 दिनों तक मुहूर्त देखकर पाठ करें। प्रतिदिन उस जल को पीकर दूसरे दिन दूसरा जल रखें। हनुमानजी की कृपा से शरीर की समस्त पीड़ाओं से आपको मुक्ति मिल जाएगी।
 
अगले पन्ने पर चौथी बात...
 

कोर्ट-कचहरी-जेल बंधन से मुक्ति : हनुमानजी 'बंधी छोड़' बाबा है। उनके अलावा कोई अन्य बंदी छोड़ नहीं है। जो व्यक्ति नित्य सुबह और शाम हनुमान चालीसा पढ़ता रहता है उसे कोई भी व्यक्ति बंधक नहीं बना सकता। उस पर कारागार का संकट कभी नहीं आता। वह मानसिक रूप से भी बंधन से मुक्त हो जाता है।
webdunia
यदि किसी व्यक्ति को अपने कुकर्मों के कारण कारागार (जेल) हो गई है, तो उसे संकल्प लेकर क्षमा-प्रार्थना करना चाहिए और आगे से कभी किसी भी प्रकार के कुकर्म नहीं करने का वचन देते हुए हनुमान चालीसा का 108 बार पाठ करें। हनुमानजी की कृपा हुई तो कारागार से ऐसे व्यक्ति मुक्त हो जाते हैं।
 
इसके अलावा यदि आपका कोई केस कोर्ट में चल रहा है तो भी आप जीत जाएंगे। प्रति मंगलवार एवं शनिवार को हनुमान मंदिर में जाकर गुड़ और चना अर्पित करें और घर में सुबह-शाम हनुमान चालीसा का पाठ करें। पाठ करने के पहले और बाद में आधे घंटे तक किसी से बात न करें। जब 21 दिन पूरे हो जाएं तो हनुमानजी को चोला चढ़ाएं। हनुमान जी की कृपा हुई तो आप निश्‍चित ही कोर्ट से बरी हो जाएंगे।
 
अगले पन्ने पर पांचवीं बात...
 

मारण-सम्मोहन-उच्चाटन : बहुत से व्यक्ति अपने कार्य या व्यवहार से लोगों को रुष्ट कर देते हैं, इससे उनके शत्रु बढ़ जाते हैं। कुछ लोगों को स्पष्ट बोलने की आदत होती है जिसके कारण उनके गुप्त शत्रु भी होते हैं। यह भी हो सकता है कि आप सभी तरह से अच्छे हैं फिर भी आपकी तरक्की से लोग जलते हो और आपके विरुद्ध षड्‍यंत्र रचते हो।
webdunia
ऐसे समय में यदि आप सच्चे हैं तो श्रीबजरंग बाण आपको बचाता है और शत्रुओं को दंड देता है। बजरंग बाण से शत्रु को उसके किए की सजा मिल जाती है, लेकिन इसका पाठ एक जगह बैठकर अनुष्ठानपूर्वक 21 दिन तक करना चाहिए और हमेशा सच्चाई के मार्ग पर चलने का संकल्प लेना चाहिए, क्योंकि हनुमानजी सिर्फ सच्चे और पवित्र लोगों का ही साथ देते हैं। 21 दिन में तुरंत फल मिलता है।
 
अगले पन्ने पर छठी बात...
 

घटना-दुर्घटना से बचना : घटना-दुर्घटना को राहु-केतु और शनि अंजाम देते हैं। जैसे अचानक आग लग जाना, आपकी गाड़ी का एक्सिडेंट हो जाता या किसी मुसिबत का अचानक आ जाना।
webdunia
हनुमानजी आपको सभी तरह की घटना और दुर्घटना से बचा लेते हैं। इसके लिए आप सदा उनकी शरण में रहकर प्रतिदिन हनुमान चालीसा पढ़ते रहे। कभी कभी सुंदरकांड भी पढ़े और बजरंग बाण भी। इसके अलावा साबर मंत्रों को भी ज्ञान प्राप्त कर लें।
 
हनुमान जी का शाबर मंत्र अत्यंत ही सिद्ध मंत्र है। इसके प्रयोग से हनुमानजी तुरंत ही आपके मन की बात सुन लेते हैं। यह मंत्र आपके जीवन के सभी संकटों और कष्टों को तुरंत ही चमत्कारिक रूप से समाप्त करने की क्षमता रखता है। हनुमानजी के कई शाबर मंत्र हैं तथा अलग-अलग कार्यों के लिए हैं।
 
अगले पन्ने पर सातवीं बात...
 

मंगल दोष : बहुत से लोग मंगलदोष के भय से ग्रसित हैं। शादी के लिए मंगल को जिन स्‍थानों पर देखा जाता है वे 1,4,7,8 और 12 भाव हैं। ज्योतिषियों अनुसार इनमें से केवल आठवां और बारहवां भाव सामान्‍य तौर पर खराब माना जाता है। सामान्‍य तौर का अर्थ है कि विशेष परिस्थितियों में इन स्‍थानों पर बैठा मंगल भी अच्‍छे परिणाम दे सकता है। ऐसा माना जाता है कि 28 वर्ष की उम्र के बाद यह दोष समाप्त होना शुरू हो जाता है।
webdunia
मंगलवार के दिन व्रत रखकर सिंदूर से हनुमानजी की पूजा करने एवं हनुमान चालीसा का पाठ करने से मंगली दोष शांत होता है। इसके अलावा लाल वस्त्र में मसूर दाल, रक्त चंदन, रक्त पुष्प, मिष्टान एवं द्रव्य लपेट कर नदी में प्रवाहित करने से मंगल का अमंगल दूर होता है।
 
अगले पन्ने पर आठवीं बात...
 

कर्ज से मुक्ति : यदि किसी कारणवश आप कर्ज में डूब गए हैं या कर्ज से परेशान हैं तो हनुमान भक्ति से कर्ज से छुटकारा पा सकते हैं। कर्ज से मुक्त होना आसान नहीं लेकिन कठिन भी नहीं। हनुमानजी की कृपा हुई तो तुरंत ही इससे मुक्त हो जाएंगे।
webdunia
मंगलवार का दिन हनुमानजी का माना जाता है। यह दिन कर्ज से मुक्ति के लिए सबसे उत्तम है। यदि किसी से कर्ज लिया है तो उसे मंगलवार के दिन चुकाने के बारे में सोचे। बुधवार और रविवार को कभी किसी को उधार न दें। मंगलवार को हनुमान चालीसा का पाठ करके हनुमान मंदिर में नारियल रखना अच्छा माना जाता है।
 
* मंगलवार को इन चीजों के प्रयोग व दान का विशेष महत्व है- तांबा, मतान्तर से सोना, केसर, कस्तूरी, गेहूं, लाल चंदन, लाल गुलाब, सिन्दूर, शहद, लाल पुष्प, शेर, मृगछाला, मसूर की दाल, लाल कनेर, लाल मिर्च, लाल पत्थर, लाल मूंगा।
 
* आटे के बने दीपक को बढ़ के पत्ते पर रखकर जलाएं। ऐसे पांच पत्तों पर पांच दीपक रखें और उसे ले जाकर हनुमानजी के मंदिर में रख दें। ऐसा कम से कम 11 मंगलवार को करें। 
 
* शुक्लपक्ष के किसी मंगलवार की रात को हनुमानजी के मंदिर में दो दीपक जलाएं और हनुमान चालीसा का 11 बार पाठ करें। पहला देसी घी का छोटा दीपक लगाएं। दूसरा 9 बत्तियों वाला एक बड़ा दीप लगाएं जिसमें सरसों का तेल हो और दो लोंग डाली गई हो और जो रातभर जलता रहे। छोटा दीपक आपके दाहिनी ओर रहेगा और बड़ा दीपक हनुमानजी के सामने। ऐसा आप पांच मंगलवार करें।
 
अगले पन्ने पर नौवीं बात...
 

नौकरी और रोजगार : आप बेरोजगार है या आपका व्यापार नहीं चल रहा है तो आप मंदिर में मंगलवार के दिन सुंदरकांड का पाठ करें। प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करें और प्रति मंगालवार को हनुमानजी के मंदिर जाएं। हो सके तो पांच शनिवार को हनुमानजी को चोला चढ़ाएं। यदि यह संभाव नहीं हो तो पांच बार कभी भी किसी भी शनिवार को चोला चढ़ाएं।
webdunia
आप अपने संस्थान में एक लाल कपड़े में नारिलय को नाड़े से बंधकर एक ओर लटका दें। दूसर यदि आप नौकरी पाना चाहते हैं तो नौकरी के लिए इंटरव्यू देने जाएं, तो जेब में लाल रूमाल या कोई लाल कपड़ा रखें। संभव हो, तो शर्ट भी लाल पहनें। आप जितना अधिक लाल रंग का प्रयोग कर सकते हैं, करें। लेकिन यह याद रखें कि लाल रंग भड़कीला ना लगे सौम्य लगे।
 
अगले पन्ने पर दसवीं बाधा...
 

तनाव या चिंता : बहुत से लोगों को अनावश्यक भय और चिंता सताती रहती है जिसके कारण वे तनाव में रहने लगते हैं। तनाव में रहने की आदत भी हो जाती है जिसके चलते व्यक्ति कई तरह के रोग से भी घिर सकता है।
webdunia
ऐसे व्यक्ति को मन ही मन हनुमानजी के मंत्र 'ॐ हनुमते नम:' या 'ॐ हनुमंते नम:' का जप करते रहना चाहिए। रात में सोते समय उसे 108 बार इस मंत्र का जप करके सो जाना चाहिए और सुबह उठकर नित्यकर्म से निपटने के बाद एक आसन पर बैठकर इस मंत्र का जप करना चाहिए। धीरे-धीरे भय, चिंता, तनाव और आशंका मिटने लगेंगे।  

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

रावण की अशोक वाटिका कहां थी, जानिए..