दक्षिण भारत के महाबलीपुरम में 1200 वर्ष पुराना एक पत्थर बहुत ही अजीबोगरीब तरीके से रखा हुआ है। इसे देखकर लगता है कि यह जरा से टल्ले में नीचे गिर पड़ेगा, लेकिन ऐसा नहीं है। इस पत्थर की चौड़ाई 5 मीटर तथा ऊंचाई 20 फीट है।
सन् 1908 में इस पत्थर पर उस समय के मद्रास गवर्नर आर्थर की नजर पड़ी तो उनको लगा कि यह पत्थर किसी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकता है इसलिए उन्होंने इस पत्थर को उसके स्थान से हटवाने के लिए 7 हाथियों से खिंचवाया पर यह पत्थर अपनी जगह से 1 इंच भी नहीं खिसका।
ग्रेविटी के नियमों की उपेक्षा करते हुए यह पत्थर एक ढलान वाली पहाड़ी पर 45 डिग्री के कोण पर बिना लुढ़के टिका हुआ है। लोग इस पत्थर को 'कृष्ण की मक्खन गेंद' भी कहते हैं क्योंकि उनका मानना है की यह पत्थर मक्खन की गेंद है जिसको कृष्ण ने अपनी बाल्य अवस्था में नीचे गिरा दिया था।