*भारत के केरल में सन् 2011 में श्रीपद्मनाभ स्वामी मंदिर की सुरक्षा उस वक्त कड़ी कर दी गई जब यहां सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर मंदिर के तहखाने में बने पांच खुफिया दरवाजे खोल दिया जो सदियों से बंद थे। और हर दरवाजे के पार उन्हें सोना और चांदे के अंबार मिलते गए जिनकी कीमत करीब 22 सौ करोड़ डॉलर थी।
*लेकिन जब वे आखरी चेम्बर बी पर पहुंचे तो वे उसे खोलने में नाकाम हो गए। वहां तीन दरवाजे हैं। पहला दरवाजा लोहे की झड़ों से बना दरवाजा है। दूसरा लकड़ी से बना एक भारी दरवाजा है और अंतिम दरवाजा लोहे का बना बड़ा ही मजबूत दरवाजा है जो बंद है और उसे खोला नहीं जा सकता क्योंकि उसे पर लोहे के दो नाग बने हैं और वहां चेतावनी लिखी है कि इसे खोला गया तो अंजाम बहुत बुरा होगा।
*इस पर न तो ताले लगे हैं और न ही कोई कुंडी। कहा जाता है कि उसे एक मंत्र से बंद किया गया है। उसे कहते हैं अष्टनाग बंधन मंत्र। मगर वो मंत्र क्या है ये कोई नहीं जानता। वह चेम्बर एक अनोखे शाप से ग्रस्त है। यदि कोई भी उसे चेम्बर के दरवाजे तक जाने का प्रयास करता है तो वह बीमार हो जाता है या उसकी मौत भी हो सकती है।
*17 जुलाई 2011 में पहले पांच कक्षों को खोलने के बाद ही टी.पी सुंदरराजन यानी वे शख्स जिन्होंने इन दरवाजों को खुलवाने के लिए अदालत में याचिका दी थी, पहले वे बीमार पड़े और फिर उनकी मौत हो गए। अगले ही महीने मंदिर प्रशासन ने यह चेतावनी जारी कर दी की यदि किसी ने भी उस अंतीम कक्ष को खुलवाने या खोलने की कोशीश की तो अंजाम बहुत बुरा होगा।
*सबसे बड़ा सवाल यही है कि चेम्बर बी के दरवाजे के पीछे आखिर क्या रखा है? अपार सोना, कोई खतरनाक हथियार या कि प्राचीन भारत की कोई ऐसी टेक्नोलॉजी का राज छुपा है जिसे जानकर दुनिया हैरान रह सकती है। यह कहीं ऐसा तो नहीं कि वहां कोई ऐसा रास्ता हो जहां से पाताल लोग में जाया जा सकता हो।