Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

शिवलिंग विन्यास के 5 रहस्य

Advertiesment
हमें फॉलो करें Shivling

अनिरुद्ध जोशी

शिवलिंग का शास्त्रों में अर्थ बताया गया है परम कल्याणकारी शुभ सृजन ज्योति। संपूर्ण ब्रह्मांड और हमारा शरीर इसी प्रकार है। भृकुटी के बीच स्थित हमारी आत्मा या कहें कि हम स्वयं भी इसी तरह हैं... बिंदु रूप। वैसे तो शिवलिंग में कई रहस्य छुपे हैं जैसे सोना बनाने की विधि और ज्ञान प्राप्त करने का जरिया। परंतु हम यहां पर शिवलिंग के विन्यास को संक्षिप्त में जानेंगे।
 
 
शिवलिंग का विन्यास : 
1. शिवलिंग के 3 हिस्से होते हैं। पहला हिस्सा जो नीचे चारों ओर भूमिगत रहता है। मध्य भाग में आठों ओर एक समान पीतल बैठक बनी होती है। अंत में इसका शीर्ष भाग, जो कि अंडाकार होता है जिसकी कि पूजा की जाती है। 
 
2. इस शिवलिंग की ऊंचाई संपूर्ण मंडल या परिधि की एक तिहाई होती है।
 
3. ये 3 भाग ब्रह्मा (नीचे), विष्णु (मध्य) और शिव (शीर्ष) के प्रतीक हैं। 
 
4. शीर्ष पर जल डाला जाता है, जो नीचे बैठक से बहते हुए बनाए गए एक मार्ग से निकल जाता है। 
 
5. प्राचीन ऋषि और मुनियों द्वारा ब्रह्मांड के वैज्ञानिक रहस्य को समझकर इस सत्य को प्रकट करने के लिए विविध रूपों में इसका स्पष्टीकरण दिया गया है। संपूर्ण ब्रह्मांड उसी तरह है जिस तरह कि शिवलिंग का रूप है जिसमें जलाधारी और ऊपर से गिरता पानी है। शिवलिंग का आकार-प्रकार ब्रह्मांड में घूम रही हमारी आकाशगंगा और उन पिंडों की तरह है, जहां जीवन होने की संभावना है। वातावरण सहित घूमती धरती या सारे अनंत ब्रह्माण्ड (ब्रह्माण्ड गतिमान है) का अक्स/धुरी ही शिवलिंग है। 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

8 फरवरी 2021 : आज मेष राशि के लोग नए संबंध में रखें सतर्कता, पढ़ें 12 राशियां