इसके अलावा गहन गंभीर ज्ञान पर आधारित कामसूत्र, कामशास्त्र, रावण संहिता, भृगु संहिता, विमान शास्त्र, योग सूत्र, विज्ञान भैरव तंत्र, परमाणु शास्त्र, शुल्ब सूत्र, श्रौतसूत्र, अगस्त्य संहिता, सिद्धांतशिरोमणि, चरक संहिता, सुश्रुत संहिता, च्यवन संहिता, शरीर शास्त्र, गर्भशास्त्र, रक्ताभिसरण शास्त्र, औषधि शास्त्र, रस रत्नाकर, रसेन्द्र मंगल, कक्षपुटतंत्र, आरोग्य मंजरी, योग सार, योगाष्टक, अष्टाध्यायी, त्रिपिटक, जिन सूत्र, समयसार, लीलावती, करण कुतूहल, कौटिल्य के अर्थशास्त्र, विशाखा दत्ता का मुद्रा राक्षस, कल्हण की राजतरंगिणी राजतरंगिणी, पाणिनि की अष्टाध्यायी, मार्गसंहिता, पतंजलि का महाभाष्य, कालिदास का मालविकाग्निमित्रम्, शुक्रनीतिसार, बाणभट्ट का हर्ष चरित, कादम्बरी, हरिषेण की प्रशस्ति आदि लाखों ऐसी किताबें हैं जिनके दम पर आज विज्ञान, तकनीक आदि सभी क्षेत्रों में प्रगति हो रही है।