जिस जिस घर में हनुमानजी का चित्र होता है वहां मंगल, शनि, पितृ और भूतादि का दोष नहीं रहता। हनुमानजी के भक्त हैं तो घर में हनुमानजी के चित्र कहां और किस प्रकार के लगाएं यह जानना जरूरी है। आओ आज हम आपको बताते हैं श्रीहनुमानजी के चित्र लगाने के कुछ नियम...
1.दक्षिणमुखी हनुमान-
वास्तु के अनुसार हनुमानजी का चित्र हमेशा दक्षिण दिशा की ओर देखते हुए लगाना चाहिए। यह चित्र बैठी मुद्रा में लाल रंग का होना चाहिए। दक्षिण दिशा की ओर मुख करके हनुमानजी का चित्र इसलिए अधिक शुभ है क्योंकि हनुमानजी ने अपना प्रभाव सर्वाधिक इसी दिशा में दिखाया है। हनुमानजी का चित्र लगाने पर दक्षिण दिशा से आने वाली हर बुरी ताकत हनुमानजी का चित्र देखकर लौट जाती है। इससे घर में सुख और समृद्धि बढ़ती है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में दक्षिण दीवार पर हनुमानजी का लाल रंग का चित्र लगाएं। ऐसा करने से अगर मंगल आपका अशुभ है तो वो शुभ परिणाम देने लगेगा। हनुमानजी का आशीर्वाद आपको मिलने लगेगा। साथ ही पूरे परिवार का स्वास्थय अच्छा रहेगा। यह मंगलदोष दूर करता है।
2.उत्तरामुखी हनुमान-
हनुमानजी की जिस फोटो का उनका मुख उत्तर दिशा की ओर होता है, वह उत्तरामुखी हनुमानजी स्वरूप है। इस स्वरूप की पूजा करने पर सभी देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त होती है।
3.पंचमुखी हनुमान-
वास्तुविज्ञान के अनुसार पंचमुखी हनुमानजी की मूर्ति जिस घर में होती है वहां उन्नति के मार्ग में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं और धन संपत्ति में वृद्घि होती है। पंचमुखी हनुमानजी का उपरोक्त चित्र भी अच्छा है।
यदि भवन में गलत दिशा में कोई भी जल स्रोत हो तो इस वास्तु दोष के कारण परिवार में शत्रु बाधा, बीमारी व मन मुटाव देखने को मिलता है। इस दोष को दूर करने के लिए उस भवन में ऐसे पंचमुखी हनुमानजी का चित्र लगाना चाहिए, जिनका मुख उस जल स्रोत की ओर देखते हुए दक्षिण पश्चिम दिशा की तरफ हो।
यदि आपको लगता है कि आपके घर पर नकारात्मक शक्तियों का असर है तो आप हनुमानजी का शक्ति प्रदर्शन की मुद्रा में चित्र लगाएं। आप चाहे तो पंचमुखी हनुमानजी का चित्र मुख्य द्वारा के ऊपर लगा सकते हैं या ऐसी जगह लगाएं जहां से यह सभी को नजर आए। ऐसा करने से घर में किसी भी तरह की बुरी शक्ति प्रवेश नहीं करेगी।
4.रामदरबार-
बैठक रूम में आप श्रीराम दरबार का फोटो लगाएं, जहां हनुमानजी प्रभु श्रीरामजी के चरणों में बैठे हुए हैं। इसके अलावा बैठक रूम में पंचमुखी हनुमानजी का चित्र, पर्वत उठाते हुए हनुमानजी का चित्र या श्रीराम भजन करते हुए हनुमानजी का चित्र लगा सकते हैं। ध्यान रखें कि उपरोक्त में से कोई एक चित्र लगा सकते हैं। रामदरबार से जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।
5.पर्वत उठाते हुए हनुमान का चित्र-
यदि यह चित्र आपके घर में है तो आपमें साहस, बल, विश्वास और जिम्मेदारी का विकास होगा। आप किसी भी परिस्थिति से घबराएंगे नहीं। हर परिस्थिति आपके समक्ष आपको छोटी नजर आएगी और तुरंत ही उसका समाधान हो जाएगा। वीर हनुमान की पूजा से भक्तों को भी साहस की प्राप्ति होती है।
6.उड़ते हुए हनुमान-
यदि यह चित्र आपके घर में है तो आपकी उन्नती, तरक्की और सफलता को कोई रोक नहीं सकता। आपमें आगे बढ़ने के प्रति उत्साह और साहस का संचार होगा। निरंतर आप सफलता के मार्ग पर बढ़ते जाएंगे।
7.श्रीराम भजन करते हुए हनुमान-
यदि यह चित्र आपके घर में है तो आपमें भक्ति और विश्वास का संचार होगा। यह भक्ति और विश्वास ही आपके जीवन की सफलता का आधार है। इससे एकाग्रता और शक्ति भी बढ़ती है।
8.सफेद हनुमान-
मान्यता है कि नौकरी और प्रमोशन पाने के लिए हनुमानजी की ऐसी फोटो लगाएं जिसमें उनका स्वरूप सफेद हो। आपने देखा भी होगा यह फोटो जिसमें उनके शरीर पर सफेद बाल हैं।
9.राम मिलन हनुमान-
हनुमान जी राम के गले मिल रहे हैं। यह भी अद्भत चित्र है जिससे पारिवार में एकता और समाज में मिलनसारीता बनी रहती है। इससे प्रेम के भाव का विकास होता है।
10.ध्यान करते हनुमानजी-
ऐसे हनुमान जो आंख बंद कर ध्यान कर रहे हैं। यदि चित्र लगाने से आपके मन में भी शांति और ध्यान का विकास होगा। हालांकि यह चित्र तब ही लगाएं जबकि आपको ध्यान और मोक्ष जैसी कोई चाहत हो।
11.संकटमोचन हनुमान-
दाएं घुटने के बल पर बैठे और आशिर्वाद देते हुए हनुमान जा चित्र आपने देखा ही होगा यह संकटमोचन हनुमान का चित्र है। इसे घर में दक्षिण दिशा में लगाने से किसी भी प्रकार का संकट द्वार पर नहीं फटकता है।
नियम:-
1.यदि आपने हनुमानजी का चित्र लगाया है तो उसकी पवित्रता और सुरक्षा सुनिश्चत करना जरूरी है। वह अच्छे से प्रेम में जड़ा हुआ होना चाहिए। प्रतिदिन उसक साफ सफाई और चित्र के समक्ष धूप-दीप देना भी जरूरी है।
2.शास्त्रों के अनुसार हनुमानजी बाल ब्रह्मचारी हैं और इसी वजह से उनका चित्र शयनकक्ष में न रखकर घर के मंदिर में या किसी अन्य पवित्र स्थान पर रखना शुभ रहता है। शयनकक्ष में रखना अशुभ है।
इसी तरह हनुमानजी के और भी चित्र हैं, सभी का अलग अलग महत्व और लाभ है। जैसे- छाती चिरते हुए, रावण की सभा में अपनी पूंछ के आसन पर बैठे हनुमानजी, लंका दहन करते हनुमान, सीता वाटिका में अंगुठी देते हनुमानजी, गदा से राक्षसों को मारते हनुमानजी, विशालरूप दिखाते हुए हनुमानजी, आशीर्वाद देते हनुमानजी, राम और लक्षमण को कंधे पर उठाते हुए हनुमानजी, रामायण पढ़ते हनुमानजी, सूर्य को निगलते हुए हनुमानजी, बाल हनुमानजी, समुद्र लांगते हुए हनुमानजी, श्रीराम-हनुमानजी मिलन, सुरसा के मुंह से सूक्ष्म रूप में निकलते हुए हनुमानजी, पत्थर पर श्रीराम नाम लिखते हनुमानजी, लेटे हुए हनुमानजी, खड़े हनुमानजी, शिव पर जल अर्पित करते हनुमानजी, रामायण पढ़ते हुए हनुमानजी, अखाड़े में हनुमानजी शनि को पटकनी देते हुए, , श्रीकृष्ण रथ के उपर बैठे हनुमानजी, गदा को कंधे पर रख एक घुटने पर बैठे हनुमानजी, पाताल में मकरध्वज और अहिरावण से लड़ते हनुमानजी, हिमालय पर हनुमानजी, दुर्गा माता के आगे हनुमानजी, तुलसीदासजी को आशीर्वाद देते हनुमानजी, अशोक वाटिका उजाड़ते हुए हनुमानजी, श्रीराम दरबार में नमस्कार मुद्रा में बैठे हनुमानजी आदि।