पुराणों अनुसार ब्रह्मा जी के मानस पुत्र:- मन से मारिचि, नेत्र से अत्रि, मुख से अंगिरस, कान से पुलस्त्य, नाभि से पुलह, हाथ से कृतु, त्वचा से भृगु, प्राण से वशिष्ठ, अंगुषठ से दक्ष, छाया से कंदर्भ, गोद से नारद, इच्छा से सनक, सनन्दन, सनातन, सनतकुमार, शरीर से स्वायंभुव मनु, ध्यान से चित्रगुप्त आदि। आओ जानते हैं ऋषि पुलह के बारे मं संक्षिप्त में जानकारी।
ऋषि पुलह :
1. कहते हैं कि ब्रह्माजी के पुत्र पुलह का जन्म ब्राह्माजी की नाभि से हुआ था।
2. विश्व के 16 प्रजापतियों में पुलह ऋषि का भी नाम आता है।
3. इन्होंने महर्षि कर्दम की पुत्रियों तथा दक्ष प्रजापति की 5 बेटियों से विवाह रचाए और उनसे सतानें पैदा कीं।
4. इनकी संतानें अनेक योनि व जातियों की हैं। इनके गुरु सनंदन और इनके शिष्य महर्षि गौतम थे।
5. इनके गुरु थे ब्रह्मा के पुत्र सनंदन।
6. इनके शिष्य थे महर्षि गौतम।
7. शिवभक्त पुलह ने काशी में पुलहेश्वर शिवलिंग की स्थापना की थी।