रावण नाम का धरती पर दूसरा कोई नहीं। रावण जैसे भी धरती पर दूसरा पराक्रमी और ज्ञानी भी नहीं हुआ। महान ज्ञानी, विद्याओं में सम्पन्न और शक्तिशाली होने के बावजूद रावण को युद्ध में हारना पड़ा।
राहु, केतु और शनि भी रावण के अधिन थे। रावण एक कुशल राजनीतिज्ञ, सेनापति और वास्तुकला का मर्मज्ञ होने के साथ-साथ तत्व ज्ञानी तथा बहु-विद्याओं का जानकार था। उसे मायावी इसलिए कहा जाता था कि वह इंद्रजाल, तंत्र, सम्मोहन और तरह-तरह के जादू जानता था। उसके पास एक ऐसा विमान था, जो अन्य किसी के पास नहीं था। इस सभी के कारण सभी उससे भयभीत रहते थे। लेकिन उसे मिले 6 ऐसे शाप थे जिसके कारण उसके कुल का नाश हो गया।
अगले पन्ने पर पहला शाप...
1. नलकुबेर का रावण को शाप : वाल्मीकि रामायण के अनुसार विश्व विजय करने के लिए जब रावण स्वर्ग लोक पहुंचा तो उसे वहां रंभा नाम की अप्सरा दिखाई दी। कामातुर होकर उसने रंभा को पकड़ लिया। तब अप्सरा रंभा ने कहा कि आप मुझे इस तरह से स्पर्श न करें, मैं आपके बड़े भाई कुबेर के बेटे नलकुबेर के लिए आरक्षित हूं। इसलिए मैं आपकी पुत्रवधू के समान हूं।
लेकिन रावण ने उसकी बात नहीं मानी और रंभा से दुराचार किया। यह बात जब नलकुबेर को पता चली तो उसने रावण को शाप दिया कि आज के बाद रावण बिना किसी स्त्री की इच्छा के उसको स्पर्श नहीं कर पाएगा और यदि करेगा तो उसका मस्तक सौ टुकड़ों में बंट जाएगा।
अगले पन्ने पर दूसरा शाप...
2.रावण को नंदी का शाप : एक बार रावण भगवान शंकर से मिलने कैलाश पर्वत पर पहुंचा। वहां उसने भगवान शिव के गण नंदीजी को देखकर उनके स्वरूप की हंसी उड़ाई और उन्हें बंदर के समान मुख वाला कहा। ऐसे में क्रोधित होकर नंदीजी ने रावण को शाप दिया कि जा दुष्ट बंदरों के कारण ही तेरा सर्वनाश होगा।
अगले पन्ने पर तीसरा शाप...
3.तपस्विनी का रावण को शाप : एक बार रावण अपने पुष्पक विमान से किसी स्थान विशेष पर जा रहा था। तभी उसे एक सुंदर स्त्री दिखाई दी, जो भगवान विष्णु को पति रूप में पाने के लिए तपस्या कर रही थी। ऐसे में रावण ने उसके बाल पकड़े और अपने साथ चलने को कहा। उस तपस्विनी ने उसी क्षण अपनी देह त्याग दी और रावण को शाप दिया कि एक स्त्री के कारण ही तेरी मृत्यु होगी।
अगले पन्ने पर चौथा शाप...
4.रावण को शूर्पणखा ने दिया शाप : रावण की बहन शूर्पणखा के पति का नाम विद्युतजिव्ह था। वो कालकेय नाम के राजा का सेनापति था। रावण जब विश्वयुद्ध पर निकला तो कालकेय से उसका युद्ध हुआ। उस युद्ध में रावण ने विद्युतजिव्ह का वध कर दिया। शूर्पणखा को इस घटना से बहुत दुख हुआ और उसने मन ही मन रावण को शाप दिया कि मेरे ही कारण तेरा सर्वनाश होगा।
अगले पन्ने पर पांचवां शाप...
5. माया का रावण को शाप : रावण ने अपनी पत्नी की बड़ी बहन माया पर भी वासनायुक्त नजर रखी। माया के पति वैजयंतपुर के शंभर राजा थे। एक दिन रावण शंभर के यहां गया। वहां रावण ने माया को अपनी बातों में फंसाने का प्रयास किया। इस बात का पता लगते ही शंभर ने रावण को बंदी बना लिया। उसी समय शंभर पर राजा दशरथ ने आक्रमण कर दिया। इस युद्ध में शंभर की मृत्यु हो गई।
जब माया सती होने लगी तो रावण ने उसे अपने साथ चलने को कहा। तब माया ने कहा कि तुमने वासनायुक्त होकर मेरा सतित्व भंग करने का प्रयास किया। इसलिए मेरे पति की मृत्यु हो गई, अत: तुम्हारी मृत्यु भी इसी कारण होगी।
अनरण्य का शाप : भगवान राम के वंश 'रघुवंश' में अनरण्य नाम के एक परम प्रतापी राजा हुए। जब रावण विश्व विजय करने निकला तो राजा अनरण्य से उसका भयंकर युद्ध हुआ। उस युद्ध में राजा अनरण्य की मृत्यु हो गई, लेकिन मरने से पहले उन्होंने रावण को शाप दिया कि मेरे ही वंश में उत्पन्न एक युवक तेरी मृत्यु का कारण बनेगा।