हिन्दू धर्म में वैसे तो कई रहस्यों का वर्णन किया गया है और उन रहस्यों को किस तरह जाना जा सकता है इस बारे में भी विस्तार से बताया गया है। लेकिन हम यहां बता रहे हैं आपको मात्र 7 ऐसे रहस्य जिन्हें जान लिया तो फिर कुछ भी जानने को बचेगा नहीं। जहां तक सवाल पॉवरफुल व्यक्ति बनने का है तो इस रहस्य को समझना और जानना बड़ी बात है लेकिन पढ़ना छोटी बात है।
1.जनन रहस्य- जनन अर्थात जन्म एक रहस्य है। एक आत्मा कैसे शरीर धारण करती है, कैसे जन्म स्थान चुनती है, कब गर्भ में प्रवेश करती है, जन्म का समय कैसे तय होता है, शरीर का प्रकार, माता-पिता, यह सभी एक रहस्य है। इस रहस्य के बारे में उपनिषदों में विस्तार से उल्लेख मिलता है।
2.मरण रहस्य- मरण अर्थात मृत्यु का रहस्य। यह रहस्य बहुत ही गुप्त है। कोई कब, कैसे और कहां मरेगा यह भी तय माना जाता है। सबसे बड़ी बात यह कि शरीर से प्राण का बिछड़ना और उसके बाद की यात्रा एक रहस्य क्या है? उक्त सभी की चर्चा उपनिषदों में कहीं कई है।
3.राज रहस्य- सृष्टि की व्यवस्था और संचालन के नियम के रहस्य को ही राज रहस्य कहते हैं। यह निमम क्या है और कैसे सृष्टि संचालित होती है?
4.प्रकृति रहस्य- प्रकृति एक रहस्य है। वैज्ञानिक इसके उपरी आवरण का वर्णन करते हैं और वे जितना अधिक प्रकृति के बारे में जान पाते हैं, उतना ही अधिक रहस्य और गहराता जाता है। हिन्दू धर्म में प्रकृति को शक्ति कहा गया है। प्रकृति क्या है इसका वर्णन उपनिषदों में बहुत ही सटीक ढंग से मिलता है।
5.आत्म रहस्य- आत्मा कैसी दिखती है, किस रंग की है, कब से है और अरबों वर्षों के सफर के बाद वह कैसी है? यदि आप खुद को एक शरीर नहीं आत्मा मानते हैं तो क्या आपने खुद को कभी देखा है? कहते हैं कि मोक्ष को प्राप्त करना ही खुद के स्वरूप को देखना, समझना और अनुभव करना होता है। उपरोक्त सभी बातें मोक्ष प्राप्त करने के बाद ही जानी जा सकती है।
6.परमात्म रहस्य- ईश्वर, परमात्मा या परमेश्वर है या नहीं? है तो कैसा है और कहां रहता है? नहीं है तो यह ब्रह्मांड कैसे संचालित हो रहा है? ईश्वर पुरुष है, स्त्री है या कुछ और? क्या ईश्वर सभी का न्याय करता है? ऐसे कई प्रश्न है जिनका रहस्य बरकरार है और जिनके बारे में उपनिषदों में विस्तार से उल्लेख मिलता है।
7.मन्त्र रहस्य- कुछ विद्वान मानते हैं कि विशेष प्रकार की प्रभावशाली ध्वनि को मंत्र कहते हैं। मंत्र से मन को एक तंत्र में लाकर उसे मोक्ष की ओर मोड़ा जाता है। मंत्र और उनके प्रभाव, कार्य प्रणाली यह सभी रहस्य है। मंत्र, चेतना से प्रस्फुटित एक दिव्य तरंग है और चेतना स्वयं एक रहस्य है।