Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

बिल्व वृक्ष यदि लगा है घर के पास तो जानिए 5 फायदे

हमें फॉलो करें बिल्व वृक्ष यदि लगा है घर के पास तो जानिए 5 फायदे

अनिरुद्ध जोशी

, शनिवार, 25 अप्रैल 2020 (16:41 IST)
बिल्व अथवा बेल (बिल्ला) विश्व के कई हिस्सों में पाया जाने वाला वृक्ष है। हिन्दू धर्म में बिल्व के वृक्ष को बहुत ही पवित्र माना जाता है। इसके घर के आसपास होने के कई फायदे हैं लेकिन यदि यह गलत दिशा में लगा है तो नुकसान भी हो सकते हैं। आओ जानते हैं इसके 5 फायदे।
 
 
1.शिव होते हैं प्रसन्न : हिन्दू धर्म में बिल्व वृक्ष के पत्र (पत्ते) शिवलिंग पर चढ़ाए जाते हैं। इसके पत्ते भगवान शिव की आराधना का मुख्य अंग है। भगवान शिव इसे चढ़ाने से प्रसन्न होते हैं।
 
 
2. औषधीय गुण : औषधीय गुणों से परिपूर्ण बिल्व की पत्तियों में टैनिन, लौह, कैल्शियम, पोटेशियम और मैग्नेशियम जैसे रसायन पाए जाते हैं। बिल्व पत्र आंखों की रोशनी बढ़ाने, पेट के कीड़े मारने और कैंसर की रोकथाम में बहुत काम आता है।
 
बिल्वपत्र का सेवन, त्रिदोष यानी वात (वायु), पित्त (ताप), कफ (शीत) व पाचन क्रिया के दोषों से पैदा बीमारियों से रक्षा करता है। यह त्वचा रोग और डायबिटीज के बुरे प्रभाव बढ़ने से भी रोकता है व तन के साथ मन को भी चुस्त-दुरुस्त रखता है।
 
 
3. लक्ष्मी का वास : यह माना जाता है कि देवी महालक्ष्मी का भी बेल वृक्ष में वास है। जिस घर में एक बिल्व का वृक्ष लगा होता है उस घर में लक्ष्मी का वास बतलाया गया है। 

 
4. माता पार्वती होती है प्रसन्न : जो व्यक्ति शिव-पार्वती की पूजा बेलपत्र अर्पित कर करते हैं, उन्हें महादेव और देवी पार्वती दोनों का आशीर्वाद मिलता है। 'शिवपुराण' में इसकी महिमा विस्तृत रूप में बताई गई है।

 
5. संतान सुख : माना जाता है कि अश्विनी नक्षत्र वाले दिन एक रंग वाली गाय के दूध में बेल के पत्ते डालकर वह दूध निःसंतान स्त्री को पिलाने से उसे संतान की प्राप्ति होती है। लेकिन इसकी पुष्टि के लिए किसी आयुर्वेद के विशेषज्ञ से संपर्क करें। यहां सिर्फ जानकारी हेतु दिया है।
 
नोट : चतुर्थी, अष्टमी, नवमी, चतुर्दशी, अमावस्या और किसी माह की संक्राति को बिल्वपत्र नहीं तोडऩा चाहिए। 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Akshaya Tritiya 2020 : समस्त तिथियों से सबसे विशेष स्थान प्राप्त है अक्षय तृतीया को, जानिए इस दिन का खास महत्व