रामदूत हनुमानजी को ब्रह्मचारी, पवित्र, भक्त, प्रेमी, असुरनिकंदन और महाबली कहा गया है। अत: जहां जिस घर में हनुमानजी की पूजा हो रही हो, उस घर का पवित्र होना जरूरी है अन्यथा हनुमानजी रूष्ट हो जाते हैं। हनुमानजी ऐसे किसी घर या स्थान पर नहीं जाते हैं, जहां इन 11 तरह की गतिविधियां होती हों-
1. जहां नहीं होती हो उनके आराध्य की पूजा और होता हो अपमान।
2. जहां प्रतिदिन मांस और मदिरा का ही सेवन किया जाता हो और लोग झूठ बोलते हों।
3. जहां गृहकलह होती रहती हो और परिवार या भाइयों में एकता नहीं हो।
4. जहां गंदगी और अपवित्रता का साम्राज्य हो और पिशाच जैसे लोग रहते हों।
5. जहां स्त्री का अपमान होता हो और उसका ध्यान नहीं रखा जाता हो।
6. जहां किसी भी प्रकार का तांत्रिक कार्य या टोना किया जा रहा हो।
7. जिस घर या स्थान पर किसी मूक प्राणी का वध किया जा रहा हो।
8. जहां लोगों का उत्तम चरित्र न हो और चरित्रहीनता ही स्वभाव बन गया हो।
9. जहां पर हर समय संतों का अपमान और निरादर होता रहता हो।
10. जहां पर खुद के तन और मन को ही पोषित करने वाले, निंदक और अहंकारी लोगों का बोलबाला हो।
11. जहां पर लोग पाककर्म के द्वारा धन या संपत्ति अर्जित करके अपना और परिवार का पालन-पोषण करते हैं।
उल्लेखनीय है कि उपरोक्त बताए गए सारे लक्षण अंगद ने रावण की सभा में बताए थे। रावण का महल और उसका राज्य इसी तरह के चरित्र को अपनाए हुए था। ऐसे स्थान को हनुमानजी द्वारा छोड़ देने से ही वह नष्ट हो जाता है जिस तरह कि लंका जलकर भस्म हो गई थी।