Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

सनातन धर्म में इन तीन की उपासना वर्जित

Advertiesment
हमें फॉलो करें सनातन हिन्दू धर्म

अनिरुद्ध जोशी 'शतायु'

FILE
सनातन हिन्दू धर्म में असत, अचेतन और अयोग्य की उपासना नहीं होती। असत अर्थात जिसने जन्म लिया और जिसका नाश हो गया। अचेतन अर्थात पत्थर, वृक्ष आदि सभी वस्तुएं अचेतन हैं। अयोग्य अर्थात जो धर्मानुसार योग्य नहीं है, जैसे बहुत से चमत्कारिक पुरुष, चमत्कारिक स्थान आदि।

हिन्दू धर्म में ब्रह्म सर्वोपरि है अर्थात वह परमेश्वर अजन्मा और अप्रकट है। ब्रह्म ही सत्य है। ब्रह्म के बाद वे देवी और देवता जिनकी कोई मृत्यु नहीं है, वे सभी चेतनस्वरूप हैं। उन्हें मूर्ति बनाकर नहीं पूजते। जब मूर्ति बनाई जाती है तो उसमें प्राण-प्रतिष्ठा करके उसे चैतन्य किए जने का कार्य किया जाता है लेकिन कुछ विद्वान इसे उचित नहीं मानते।

अंत में अयोग्य अर्थात वे सभी व्यक्ति- जो प्रत्यक्ष हैं, अयोग्य हैं। व्यक्ति पूजा निषेध है चाहे वह गुरु हो या पितृ या अन्य कोई।

वैसे तो हिन्दू धर्म में कण कण को ब्रह्म (ईश्वर) का स्वरूप माना जाता है। नदी, पहाड़, आकाश, गुरु, भगवान और देवता सभी प्रार्थनीय है, लेकिन इस तरह से धर्म और समूहगत विचार का बिखराव होता है। मनमानी पूजा और कर्मकांडों का विकास होता है अत: सिर्फ ब्रह्म ही सत्य है। वही प्रार्थनीय और वही वंदनीय है, जो अजन्मा, अप्रकट, अनित्य आदि,  अंत और अनंत है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi