फेसबुक और वॉट्सअप के जमाने में जीवन में कुछ बातों की गोपनीयता रखना जरूरी है। हालांकि बहुत से लोग जो सचमुच ही आपके दोस्त नहीं है वे आपसे आपकी गोपनीय या पर्सनल बातों को जानना चाहेंगे। जो व्यक्ति आपसे हर तरीके से आपके राज जानने का प्रयास कर रहा है तो समझ जाएं कि वह आपका हितैषी तो कतई नहीं है। वह तो बस आपकी शक्ति, कमजोरी, योग्यता या बे ग्राउंड को जानना चाहता है। ऐसे लोगों से सावधान हो जाएं, जो आपसे खोद-खोद कर कुछ पूछ रहे हैं। भारत के नीतिकारों ने गोपनीयता पर बहुत बल दिया है। गोपनीयता ही आपकी शक्ति होती है।
भारत में कई नीतिकार हुए हैं, जिन्होंने भारत के धर्म और राज्य को एक दिशा दी है। उन्हीं नीतिकारों में से एक प्रसिद्ध नीतिकार हैं शुक्राचार्य। ऋषि भृगु के पुत्र और दैत्यों के गुरु शुक्राचार्य की शुक्र नीति आज भी प्रासंगिक मानी जाती है।
शुक्रनीति कौटिल्य के अर्थशास्त्र के समान ही मूलतः राजनीतिक प्रकृति का ग्रन्थ है। शुक्र नीति में धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष, सैन्य, व्यवस्था, राज्य कार्य, जीवन शैली आदि कई विषयों को समेटा गया है। इसके अंतर्गत सामाजिक, धार्मिक, आर्थिक राजनीतिक सभी विषय आ जाते हैं। मनुष्य को अपने- पराए, सजातीय-विजातीय, मित्र-शत्रु, परिचित-अपरिचित आदि से कैसा व्यवहार करना चाहिए इसका ज्ञान नीति सम्बन्धी शिक्षा से ही प्राप्त होता है। आओ जानते हैं शुक्र नीति के प्रसिद्ध आदर्श वचनों के बारे में।
शुक्र नीति के इस श्लोक के अर्थ का विस्तार पढ़कर आप चौंक जाएंगे।
1.श्लोक : आयुर्वित्तं गृहच्छिद्रं मंत्रमैथुनभेषजम्।
दानमानापमानं च नवैतानि सुगोपयेतू।।
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1.आयु को रखें गोपनीय: हालांकि कुछ लोग आपकी आयु जानते हैं और कुछ जानना चाहते हैं। लेकिन यदि कोई आपसे बिना किसी कारण के आयु पूछता है, तो उसे कतई न बताएं। लेकिन वर्तमान में यह संभव नहीं है। लाइसेंस, पासपोर्ट या अन्य किसी कार्य के लिए फॉर्म भरने में इसका खुलासा करना ही होता है। लेकिन कभी कभी ऐसे मौके या स्थान होते हैं जहां आयु बताना जरूरी नहीं होता। आजकल अनजान लोग भी पूछ लेते हैं कि कितने वर्ष के हैं आप?
शुक्राचार्य माने है कि व्यक्ति को अपनी आयु किसी के सामने प्रकट नहीं करना चाहिए। आयु को जितना गुप्त रखा जाए, उतना ही अच्छा माना जाता है। आपकी आयु का पता चलने पर आपके प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष शत्रु इस बात का किसी पर तरह से लाभ उठाकर अपने हित में प्रयोग कर सकते हैं।
2.ग्रह और गृह के दोष : बहुत से लोग ग्रह दोष से पीड़ित रहते हैं। इसका बखान वे सभी से करते रहते हैं। ऐसे में ग्रहों के कारण मुसीबतो में घिरा व्यक्ति और भी मुसीबतों को अनजाने ही आमंत्रित कर देता है। दूसरी ओर गृह शांति के लिए किए जा रहे उपायों का वर्णन यदि किसी से कर दिया जाए तो फिर उसका कोई फल भी नहीं मिलता है। दूसरा अर्थ यह की आप अपने घर का भेद किसी दूसरों को न बताएं अन्यथा वे सभी आपका मजा और फायदे लेंगे और यदि गृह कलह होता तो उसे और बढ़ावा मिलेगा।
परिवार की बातें : बहुत से ऐसे लोग भी हैं जो अपने घर-परिवार की सारी बातें अपने मित्र, रिश्तेदार या किसी परिचित से शेयर करते रहते हैं। ऐसे लोग बाद में पछताते हैं। इससे घर के सदस्यों में आपसी मनमुटाव और अविश्वास की भावना बढ़ती है। घर की बातें घर में ही रखने से जीवन सुखमय बनता है।
घर का रहस्य : बहुत से ऐसे लोग हैं, जो अपने घर में हर किसी की एंट्री कर देते हैं और घर के कोने-कोने से सभी को अवगत करा देते हैं। जो लोग आपके विश्वासपात्र हैं उन्हें जरूर इसकी छूट दी जा सकती है, लेकिन हमने देखा है कि बहुत से ऐसे लोग भी आपके घर में घुसकर उसे देखना चाहेंगे जिनसे आपका कोई खास संबंध नहीं है। पुराने समय में लोग संयुक्त परिवार में रहते थे और उनके घर भी बड़े होते थे। ऐसे में यह धारणा प्रचलित हुई की किसी को अपने घर का रहस्य नहीं बताना चाहिए। सभी के कमरे अलग-अलग होते हैं और सभी का अपना व्यक्तिगत जीवन होता है।
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3.मंत्र : कहा जाता है जो मनुष्य अपनी पूजा-पाठ और मंत्र को गुप्त रखता है, उसे ही अपने पुण्य कर्मों का फल मिलता है। लेकिन कई लोग अपने जप-तप, पूजा-पाठ आदि का बखान करते रहते हैं ऐसे में उन पर न तो भगवान की कृपा होती है और न ही मंत्र फलित होता है।
गुरुमंत्र, साधना और तप : यदि आपने किसी योग्य गुरु से दीक्षा ली है, तो उसके द्वारा दिया गया गुरुमंत्र गोपनीय रखें। हालांकि गुरुमंत्र कई प्रकार के होते हैं, जैसे किसी ने आपको कुछ ज्ञान दिया या कुछ हुनर सिखाया वह भी गुरुमंत्र है। इसके अलावा यदि आप किसी भी प्रकार की साधना, तप या ध्यान कर रहे हैं तो उसे भी गोपनीय रखें अन्यथा वह निष्फल हो जाएगी। इस संबंध में गोपनीयता से ही लाभ मिलता है।
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4.धन को रखें गुप्त : लोग जानना चाहते हैं कि आप कितना कमाते हैं। यदि आप सीधे-सीधे नहीं बताएंगे, तो ये लोग दूसरे तरीके से पूछताछ करके अनुमान लगा लेंगे। हालांकि आप अपने धन को जितना हो सके गोपनीय रखेंगे तो आपके लिए ही अच्छा होगा। धन को अपने परिचित या रिश्तेदारों से गोपनीय ही रखने की सलाह दी जाती रही है, लेकिन ध्यान रखें अपनी पत्नी से गोपनीय रखेंगे और यदि उसे शक हो गया, तो आपके लिए वही धन दुखदाई साबित होगा। इसलिए आप इस बारे में अच्छे से सोच-विचार कर लें।
शुक्राचार्य मानते हैं कि धन से जीवन में कई सुख-सुविधाएं जुटाई जा सकती हैं, लेकिन कई बार यही धन आपके लिए मुसीबतें भी खड़ी कर सकता है। इसीलिए आप अपने धन को जितना गुप्त रखेंगे उतना ही लाभदायक होगा। वरना कई लोग अपके धन के लालच में आपसे जान-पहचान बढ़ाकर बाद में आपको नुकसान भी पहुंचा सकते हैं।
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7. औषध और औषधि : औषध का अर्थ होता है चिकित्सक या डॉक्टर। चिकित्सक आपकी निजी बातें भी जान सकता है। ऐसे में आपके दुश्मन या आपसे जलने वाले लोग चिकित्सक की मदद से आपके लिए परेशानी या समाज में शर्मिंदगी का कारण बन सकते हैं। इसलिए, बेहतर यही होगा कि आपके औषध या चिकित्सक की जानकारी सभी लोगों से गुप्त रखी जाए।
दवा : आप यदि किसी भी प्रकार की दवाई खाते हैं तो उसे गोपनीय रखें। माना जाता है कि दवा का असर भी तब तक रहता है जब तक वह गोपनीय है। हालांकि कुछ लोग इससे इत्तेफाक रख सकते हैं। लेकिन प्राचीनकाल में हो सकता है कि यह किसी विशेष रोग या औषधी के लिए कहा गया हो। पहले के लोग कुछ लोग दुर्लभ वनस्पिति के जानकार भी होते थे।
6.मैथुन क्रिया : पति और पत्नी के बीच की अत्यंत गुप्त बातों में से एक मैथुन क्रिया होती है। इस बात को जितना गुप्त रखा जाए, उतना अच्छा होता है। पति-पत्नी की निजी बातें किसी तीसरे मनुष्य को पता चलना घातक भी सिद्ध हो सकता है। इससे आपका मान सम्मान तो जाता ही रहगे साथ ही आपके लिए यह बात मुसीबत और शर्म का भी कारण बन सकती है।
पति-पत्नी का संसार-व्यवहार गोपनीय रखना चाहिए। बहुत से मुर्ख लोग अपनी पत्नी के साथ उनका व्यवहार कैसा है यह भी दूसरों को बताते रहते हैं। आप अपने परिवार की बातें हमेशा गुप्त रखें अन्यथा सुनने वाले तो मजे लेकर हट जाएंगे, लेकिन आप पछताएंगे।
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7.दान : जो मनुष्य दूसरों की तारीफ पाने के लिए या लोगों के बीच अपनी महानता दिखाने के लिए अपने किए गए दान का दिखावा करता हैं, उसके किए गए सभी पुण्य कर्म नष्ट हो जाते हैं। दान एक ऐसा पुण्य कर्म है, जिसे गुप्त रखने पर ही उसका फल मिलता है।
दान-पुण्य गोपनीय रखें : आपने जो भी दान दिया है उसे गुप्त रखेंगे तो ही उसका लाभ मिल सकता है। गोपनीय दान देवताओं की नजर में रहता है और जिस दान का बखान किया जा रहा है उसका फल निष्फल हो जाता है। मंदिर में दान दें, किसी गरीब को भोजन कराएं या किसी भी प्रकार का पुण्य कार्य करें उसका अपने मुंह से बखान न करें। यदि आपने इसे किसी के समक्ष जाहिर कर दिया, तो समझों वह खारिज हो जाएगा।
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8.मान-सम्मान : बहुत से लोगों को अपने मान-सम्मान को बढ़ा चढ़ाकर दिखाने की आदत होती है। इस आदत के कारण कई लोग उनसे ईर्ष्या या नफरत करने लगते हैं। साथ ही इस आदत की वजह से उनके अपने उनसे दूरियां बना लेते हैं। कई लोगों के अपने मान-सम्मान का दिखावा करने की आदत होती है।
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9.अपना अपमान गोपनीय रखें: हर मनुष्य को अपने जीवन में किसी न किसी से अपमान झेलना ही पड़ता है। यदि वह मनुष्य अपने अपमान को गुप्त नहीं रखता है तो उसे नुकसानदायक उठाना पड़ सकता है। दूसरों को यदि इस बात का पता चलता है तो वे भी सम्मान करना छोड़ देते हैं और ऐसे में आप हंसी का पात्र भी बन सकते हैं।
यदि सार्वजनीक रूप से आपका अपमान किया जा रहा है, तो उसका जमकर प्रतिकार करें। फिर भी व्यक्ति को बहुत से मामले में कभी-कभी मजबूरीवश अपमान झेलना पड़ता है। अपमान को दिमाग में ज्यादा दिन तक नहीं पालें, बल्कि इस पर विचार करें कि दोबारा कोई आपके साथ ऐसा नहीं कर पाएं। यह भी याद रखें यदि आप अपने अपमान को प्रचारित करेंगे तो फिर कई लोग आपका अपमान करने लगेंगे, क्योंकि लोगों को आपके साथ कभी सहानुभूति नहीं रहती है। जो लोग किसी की सहानुभूति अर्जित करना चाहते हैं, वही अपने अपमान के बारे में किसी से चर्चा करते हैं।
अगले पन्ने पर अंत में कुछ खास....
अपनी अयोग्यता या कमजोरी को रखें गोपनीय : हालांकि बहुत-सी जगह या मामले में इसे गोपनीय रखना घातक भी सिद्ध हो सकता है। लेकिन बहुत से मामलों में इसे उजागर करने से आपको लोग कमजोर समझकर आपके साथ गलत व्यवहार करने लगेंगे या आपको मानसिक रूप से दबाने लगेंगे। इसीलिए इस बारे में आप अच्छे से विचार कर लें कि कब, कहां कौन-सी कमजोरी गोपनीय रखना है। कमजोरी और अयोग्यता में फर्क करना भी सीखें।