22 अगस्त 2021 रविवार को संस्कृति दिवस मनाया जाएगा। संस्कृति को विश्व की पहली भाषा और वह भी पहली व्याकरणबद्ध भाषा माना जाता है। कहते हैं कि इसी भाषा के कारण देश और दुनिया की अन्य भाषाओं का जन्म हुआ। आओ जानते हैं संस्कृति दिवस की खास बातें और 10 महत्वपूर्ण पुस्तकों के नाम।
खास बातें :
1. हिन्दू कैलेंडर के अनुसार संस्कृत दिवस हर साल श्रावण पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस वर्ष संस्कृत दिवस 2021 में 22 अगस्त को मनाया जाएगा।
2. संस्कृत दिवस और रक्षा बंधन का त्योहार एक साथ मनाया जाता है।
3. भारत में संस्कृत भाषा की उत्पत्ति लगभग 5 हजार साल पहले हुई थी।
4. संस्कृत दिवस 2020 में 3 अगस्त और 2019 में 15 अगस्त को मनाया गया था।
6. विश्व संस्कृत दिवस को संस्कृति में विश्वसंस्कृतदिनम के नाम से जाना जाता है।
7. संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिए ही संस्कृत दिवश को मनाया जाता है, क्योंकि यह संपूर्ण भारत की प्राचीन भाषा है जिसे देववाणी या देवभाषा कहते हैं।
8. उत्तराखंड की दूसरी आधिकारिक भाषा है संस्कृत।
9. पहला विश्व संस्कृत दिवस 1969 में मनाया गया था। सन् 1969 में भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के आदेश से केन्द्रीय तथा राज्य स्तर पर संस्कृत दिवस मनाने का निर्देश जारी किया गया था।
10. संस्कृत दिवस के दिन कई तरह के कार्यक्रमों और सेमिनार का आयोजन होता है। जिसमें संस्कृत भाषा के महत्व और इसके प्रभाव को दर्शाने के साथ ही संस्कृति के लोकप्रिय श्लोक और कहानियों को भी बताया जाता है।
11. इस दिवस के दौरान संस्कृत वाचन और लेखन की प्रतियोगिताओं का भी आयोजन होता।
12. संस्कृत दिवस श्रावण पूर्णिमा पर इसलिए मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन से प्राचीन काल के भारत में शिक्षण सत्र शुरू होता था। पौष माह की पूर्णिमा से श्रावण माह की चतुर्दशी तक अध्ययन बंद रहता था और फिर अगले दिन श्रावण पूर्णिमा से पौष पूर्णिमा तक अध्ययन चलता था।
संस्कृत की 10 प्रमुख पुस्तकें : वैसे तो हिन्दुओं के सभी धार्मिक ग्रंथ संस्कृत में ही लिखे गए हैं जैसे ऋग्वेद, सामवेद, यजुर्वेद, अथर्ववेद, 108 उपनिषद, वाल्मीकि रामायण, महाभारत, श्रीमद्भागवत गीता, 18 पुराण, स्मृति और सूत्र ग्रंथ। सभी संस्कृत के ग्रंथ हैं। परंतु यहां पर साहित्य रचनाओं के 10 प्रमुख गंथों के नाम जानें।
1. नाट्य शास्त्रम- भरतमुनि।
2. अभिज्ञान शाकुन्तलम्- कालिदास
3. पंचतंत्र- विष्णु शर्मा
4. मुद्राराक्षस- विशाखदत्त
5. कादम्बरी- बाणभट्ट
6. मालती माधव- भवभूति
7. चंद्रलेख- रुद्रदास
8. बुद्धचरितम्- अश्वघोष
9. कथा सरित सागर- सोमदेव