मातृ सदन के संचालक स्वामी शिवानंद ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर हरिद्वार में कहीं भी गंगा में खनन किया गया तो वे आमरण अनशन करेंगे।
इस चेतावनी के बाद सरकार ने हरिद्वार में कुंभ मेला क्षेत्र में बालू और गिट्टी खनन पर रोक लगा दी। लेकिन सरकार ने इस आशय का कोई लिखित आदेश नहीं दिया है कि आगे भी हरिद्वार में गंगा में कोई खनन नहीं किया जाएगा।
गंगा में खनन मुद्दे पर मातृ सदन के संस्थापक स्वामी शिवानंद से बातचीत :
- आपने कुंभ क्षेत्र के आसपास गंगा में खनन का विरोध किया था जिसके बाद जिलाधिकारी ने फिलहाल इस पर रोक लगा दी है। आगे की रणनीति क्या है ?
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पहली बात तो यह है कि गंगा में खनन से इतना नुकसान पहले ही हो चुका है जिसकी भरपाई मुमकिन नहीं है। खनन के कारण गंगा के अनेक द्वीप पूरी तरह नष्ट हो चुके हैं। 30-40 क्रशर सालों से गंगा को खोद रहे हैं जिस पर अब पूर्ण नियंत्रण होना चाहिए।
- क्या इस बारे में आपको कोई लिखित आश्वासन भी मिला है? हम जिलाधिकारी से लिखित आश्वासन की मांग कर रहे हैं कि आगे से गंगा में खनन पूर्णतया प्रतिबंधित रहेगा।
- गंगा में खनन से और क्या-क्या नुकसान हुए हैं? गंगा में खनन से द्वीप नष्ट होने के साथ जलीय पर्यावरण को भी भयंकर नुकसान हुआ है। जलीय जीव इसका खामियाजा भुगत रहे हैं लेकिन सरकार इसका अंदाजा भी अभी नहीं लगा पाई है। हम खनन से होने वाले इस प्रकार के नुकसान के आकलन की भी मांग कर रहे हैं।