धरती के 70.8% प्रतिशत भाग पर समुद्र है जिसमें से 14% भाग पर बसा है विराट हिंद महासागर। भारत तीन ओर से समुद्र से घिरा है और जिसके 13 राज्यों की सीमा से समुद्र लगा हुआ है।
निम्न प्रमुख समुद्र तटों से समुद्र को निहारना बहुत ही रोमांचक अनुभव होता है। ये राज्य निम्न हैं- 1.आंध्रप्रदेश, 2.पश्चिम बंगाल, 3.केरल, 4.कर्नाटक, 5.उड़ीसा 6.तमिलनाडु, 7.महाराष्ट्र, 8.गोवा, 9.गुजरात, 10.पुडुचेरी, 11.अंडमान-निकोबार, 12.दमण-दीव और 13.लक्ष्यद्वीप।
* केरल के समुद्री तट :
1.कोवलम (Kovalam Beach) समुद्री तट तिरुवनन्तपुरम सिटी से 16 किमी दूर है।
2.वर्कला (Varkala Beach) समुद्री तट तिरुवनन्तपुरम से 41 किमी दूर है।
3.थंगस्सेरी (Thanagassery Beach) कोल्लम से 5 किलोमिटर पर है।
4.चेरिया (Cheria Beach) समुद्री तर्थ अर्नाकुलम से 45 किलोमिटर दूर है।
5.तनुर (Tanur Beach) समुद्री तट मालाप्पुर जिले में है।
6.पदिनहरकारा (Padinharekara Beach) समुद्र तट मालाप्पुर जिले के कोझीकोड रेलवे स्टेशन से बहुत ही नजदीक है।
7.बेयपोरी (Beypore Beach) समुद्री तट कोझीकोड सिटी से 10 किलोमीटर दूर है।
8.कप्पाड (Kappad Beach) समुद्री तट कोझीकोड सिटी से 16 किलोमीट दूर है।
* उड़ीसा के समुद्री तट :
1. पुरी (Puri Beach) का समुद्री तट। 2.गोपालपुर (Gopalpur Beach) समुद्री तट भुवनेश्वर से 170 किलोमीटर और बेरहपुर से 15 किमी दूर है। 3.चंडीपुर (Chandipur Beach) समुद्री तट बेरासोर से 16 किमी दूर है। 4. कोणार्क (konark) समुद्र के किनार बसा कोणार्क पुरी से 35 किमी. और भुवनेश्वर से 65 किमी. की दूरी पर है। 5.बालेश्वर या बालासोर उड़ीसा का तटीय जिला है। इसके अलावा कटक, अंगुल आदि बंदरगाह भी प्रसिद्ध है।
* कर्नाटक के समुद्री तट :
1.भटकाल समुद्री तट : अरब सागर के किनारे स्थित है। यहां तट के किनारे विशाल मंदिर बने हुए हैं।
2.देवबाघ तट : देवबाघ तट एक ऐसे द्वीप के किनारे स्थित है जहां करवार तट से तेज चलने वाली नावों द्वारा पहुंचा जा सकता है। इस तट पर पूरे वर्ष जाया जा सकता है।
3. करवार समुद्री तट : यह तट उष्ण कटिबंधी भूमि की पतली पट्टी पर स्थित है जो पश्चिमी घाटों और अरब सागर के बीच है। यहां का मनोहारी प्राकृतिक परिवेश पर्यटकों को द्वीप के विशिष्ट चित्र प्रदान करता है।
4.मेल्प तट : यह तट उडपी से लगभग 6 किलो मीटर की दूरी पर स्थित है। मेल्प तट एक प्राकृतिक बंदर गाह है और यह कर्नाटक के समृद्ध वर्ग को योगदान देने वाला महत्वपूर्ण मछली पकड़ने का केन्द्र है। यह तट पर्यटकों को एक शांत और आदर्श अवकाश का पूरा अवसर देता है। इस तट पर नाव की सवारी, मछली पकड़ने और तैरने का आनंद ही कुछ और है।
5.मारावंथे तट : यह अबर सागर और सातुपरनिका नदी के बीच स्थित है और इसकी पृष्ठ भूमि में कोडाचारी पहाड़ियां हैं। कर्नाटक का यह तट दर्शकों को इस दुनिया के परे का अनुभव करा देता है। वास्तव में यह सूर्यास्त के समय आकाश का रंग नारंगी हो जाता है और सूर्य की सुनहरी किरणों के साथ समुद्र के देखना ईश्वर को देखने जैसा है।
6.मुरुदेश्वर तट : मुरुदेश्वर तट विशालकाय मंदिरों और सपनों के पर्यटक गंतव्य स्थल के लिए जाना जाता है। यहां भगवान के साक्षात्त दर्शन किए जा सकते हैं। सचमुच ही भगवान शिव की विशालकाय मूर्ति को देखना ऐसा ही लगता है कि वे स्वयं यहां हैं।
7.सेंट मेरी आइलैंड तट : सेंट मेरी आइलैंड तट मैंगलोर से 58 किलो मीटर की दूरी पर उत्तर दिशा में स्थित है। यह बेसाल्ट चट्टानों का बना हुआ एक अनोखा तट है जहां खड़े अष्टभुजी खण्डों में बटे हुए स्तंभी क्रिस्टलाइज्ड हो गए हैं। यहां वॉलकेनिक चट्टानों के बारे में अध्ययन करने वाले अनुसंधसानकर्ता आते रहते हैं। इसके आलावा भी केरल में बहुत से तट है। मंगलोर और उदुपी।
* तमिलनाडु के समुद्री तट :
1.मरिन : मरिन समुद्री तट (Marina Beach) चेन्नई के पूर्व में स्थित है जहाँ से सूर्यास्त का नजारा बहुत ही शानदार नजर आता हैं।
2.इल्लियोट : इल्लियोट समुद्री तट (Elliot Beach) बसंत नगर में स्थित है जहाँ पर नहाने का मजा ही कुछ और है इसीलिए इसे बाथिंग बीच भी कहा जाता है। यह युवाप्रेमियों का मिलन स्थल भी है।
3.कोवलम : कोवलम समुद्री तट (Kovalam Beach) चेन्नई से 40 किलोमिटर दूर महाबलीपुरम के रास्ते पर एक गाँव है जो कोवेलोंग नाम से जाना जाता है।
4.महाबलीपुरम : महाबलीपुरम (Mamallapuram) का समुद्री तट चेन्नई से 58 किलोमिटर दूर दक्षिण में स्थित है। यहाँ पर भव्य और सुंदर समुद्री तट के अलावा पल्लव राजवंशों के काल के स्मारक और प्राचीन गुफाएँ पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है।
5.कन्याकुमारी : कन्याकुमारी (Kanyakumari Beach) समुद्र तट पर हिंद महागार, अरेबिन और बंगाल की खाड़ी का संगम होता है। यह हिंदुओं का प्राचीन तीर्थ स्थल केंद्र है। कन्याकुमारी अपने सूर्य उदय, सूर्यास्त और पूर्णिमा के चाँद के दर्शन के लिए प्रसिद्ध है। बहुरंगी रेत के साथ यहाँ के समुद्री और आकाशीय नजारे देखते ही बनते हैं।
6. पूम्पुहर : पूम्पुहर समुद्री तट (Poompuhar Beach) तमिल महाकाव्य सिलापथिकरम (Silapathikaram) में उपलब्ध सूचनाओं के आधार पर केवरिपूम्पात्तिनम की स्मृति में बनाया गया एक बंदरगाह है।
7.रामेश्वरम : रामेश्वरम का समुद्री तट चेन्नई से 572 किलोमीटर दूर है। यह हिंदुओं के लिए पवित्र तीर्थ स्थल है जहाँ पर भगवान शिव का भव्य एवं प्राचीन मंदिर है जो बारह ज्योतिर्लिंगों के अंतर्गत आता है। इस शिवलिंग की स्थापना भगवान राम ने की थी इसीलिए इस स्थान का नाम रामेश्वर है।
भारत की समुद्री सीमाएं असुरक्षित रही है जिसके कारण समुद्र से लगे क्षेत्र में आक्रमरणकारियों और धर्म प्रचारकों का लगातार आना-जाना आसान रहने के कारण यहां का सामाजिक ताना-बाना तो टूटा ही है साथ ही अंग्रेजों, फ्रांसिसियों, पुर्तगालियों, ईरानियों आदि द्वारा कब्जा कर शासन करने के दौरान वहां की मूल भाषा, धर्म और संस्कृति अब वैसी नहीं रही।