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क्योंकि स्वास्थ्य ही सेक्स का आधार है

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* विशेषज्ञों का कहना है कि वजन कम करने के लिए खाना छोड़ना तो दूर की बात है, एक सीमा से अधिक खाना कम कर देना भी स्वास्थ्य के लिए उचित नहीं है, क्योंकि स्वास्थ्य ही स्वस्थ सेक्स का आधार होता है। परफेक्ट फिगर की चाह  को हम एक बीमारी कहें तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। जो दुबले हैं वे वजन बढ़ाने के लिए फैट्‍स आदि ज्यादा मात्रा में खाने लगते हैं और जो मोटे हैं वे वजन घटाने के लिए खाना-पीना छोड़कर डाइट व ड्रग्स लेने लगते हैं। दोनों ही बा‍तें सेहत की दृष्टि से गलत है। 


 
मधुमेह, अस्‍थमा व हृदयरोग इन जानलेवा रोगों के मूल में हैं अधिक स्टार्चयुक्त व फैट्‍स वाला भोजन व शारीरिक श्रम का अभाव। आज हम अपने पाचनतं‍त्र की डाइजेस्टिव कैपेसिटी से कई गुना अधिक खा रहे हैं। यह अतिरिक्त भोजन हमारे शरीर में तरह-तरह के विकार पैदा करता है। आधुनिक जीवनशैली के तहत वक्त-बेवक्त खाना मधुमेह, अस्थमा व हृदयरोग जैसी बीमारियों को जन्म देता है।
 
सुबह व शाम की सैर के साथ खुली हवा में व्यायाम से पाचनतंत्र के सभी विकार दूर होते हैं जिससे संपूर्ण शरीर हलका-फुलका, स्वस्थ व स्फूर्तिदायक बन जाता है। सुबह जल्दी उठकर खुली हवा में सांस लेने से फेफड़ों में स्वस्थ वायु का प्रवेश होता है। फेफड़े स्वस्थ रहने से न केवल हृदय को बल मिलता है बल्कि खांसी, दमा, श्वास रोग व एलर्जी आदि से भी छुटकारा मिलता है।
 
बदलती जीवनशैली में काम के प्रेशर के चलते स्त्री-पुरुष अपनी रूटीन लाइफ में इतने व्यस्त हो जाते हैं कि सेक्स जैसी महत्वपूर्ण क्रिया से दूर होते जाते हैं। उनकी सेक्सुअल इच्छा कम होती जाती है। पति-पत्नी में आकर्षण का अभाव अनेक पारिवारिक और सेक्स संबंधी समस्याओं को जन्म देता है।
 
सेक्स के विकृत रूप का सहारा 
 
सोशल नेटवर्किंग साइट जैसे फेसबुक, ट्विटर आदि पर विपरीत सेक्स के फ्रेंड बनाकर लोग सेक्स के विकृत रूप का परिचय देने लगे हैं। इस प्रक्रिया में उनके मल्टीपल पार्टनर बन जाते हैं, जो उनके हार्मोंस को प्रभावित करते हैं। जब वे इन साइट्‍स पर विपरीत सेक्स के लोगों से चैटिंग करते हैं, विपरीत सेक्स के प्रति शारीरिक आकर्षण का सारा प्रवाह उसी तरफ बहा देते हैं तो घर में पति या पत्नी दोनों का एक-दूसरे के प्रति सेक्सुअल अट्रैक्शन और सेक्स की इच्छा खत्म हो जाती है जिसका अप्रत्यक्ष परिणाम आपस में तनाव, दूरी व चिड़चिड़ेपन के रूप में सामने आता है। इसका असर आपसी रिश्तों व बच्चों पर भी पड़ता है और कई बार सेक्स से यह अरुचि और दूरी तलाक व संबंध-विच्छेद जैसे भयावह परिणाम तक पहुंच जाती है।
 
दांपत्य जीवन में सेक्स का अभाव व पुरुषों में इरैक्टाइल डिसफंक्शन और महिलाओं में मेनोपॉज का जल्दी आना, पेनफुल सहवास, वेजाइनल ड्राइनेस व नो ऑर्गेज्म के रूप में सामने आता है। स्वस्‍थ सेक्स के अभाव में अनेक शारीरिक समस्याएं जन्म लेती हैं या कहें कि शारीरिक समस्याएं स्वस्थ सेक्स की राह में बाधक बनती हैं।
 
कुछ दंपति अपनी सेक्सुअल लाइफ में अपने स्तर पर स्वयं को संतुष्ट करने की कोशिश करते हैं, जैसे पोर्न वीडियोज देखकर सेक्स टॉयज के इस्तेमाल से, जबकि यह पूरी तरह गलत है। इससे सेक्स हार्मोन पहले ही प्रवाहित हो जाते हैं और पति-पत्नी में एक-दूसरे को सेक्सुअल लेवल पर संतुष्ट करने की क्षमता खत्म हो जाती है। इन सभी समस्याओं से बचने का एक ही तरीका है कि सेक्स को अपने जीवन में महत्व दें। पति-पत्नी एक-दूसरे को पर्याप्त समय दें, प्रेमभाव रखें। अपने रिश्ते में ईमानदार रहें।
 
यौन शिक्षा का अभाव भी सेक्स समस्याओं का एक बड़ा कारण बनता है। बढ़ती उम्र में बच्चों को हर चीज को जानने की इच्छा होती है, ऐसे में उनके मन में कई सवाल भी उठते हैं। बच्चों को यदि सही समय पर उनका जवाब नहीं दिया जाए तो बच्चा अपने सवालों के जवाब जानने के लिए गलत तरीके भी अपना सकता है। ऐसे में बच्चों को सही समय पर यौन शिक्षा देनी की जरूरी हो जाती है। एकल परिवारों के चलन के कारण मां-बाप अपने बच्चों पर अधिक ध्यान नहीं दे पाते। कई बार पैरेंट्स बच्चों के आगे सेक्स संबंधी बातों का जिक्र करना अच्‍छा नहीं समझते। ऐसे में बच्चे इंटरनेट या गलत किताबों के माध्यम से जानकारी पाते हैं, जो आगे चलकर उनकी सेक्सुअल लाइफ पर दुष्प्रभाव डाल सकती है।

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शरीर में अनेक शक्तियां निहित हैं। इन शक्तियों को पहचानकर व इन्हें विकसित कर हम न केवल अपने शरीर को स्वस्थ, सुडौल व सुंदर बना सकते हैं बल्कि गंभीर व असाध्य रोगों से छुटकारा पाकर आजीवन निरोग भी रह सकते हैं। अपने शरीर को निष्क्रिय मत बनाइए। अपनी अतिव्यस्त दिनचर्या से कम से कम आधा-आधा घंटा सुबह-शाम सैर व एक्सरसाइज के लिए निकालिए। व्यायाम का मतलब सिर्फ हाथ-पैर हिलाना नहीं है। व्यायाम करते समय आपको एहसास होना चाहिए कि आपकी मांसपेशियां व आपका स्नायुतंत्र सक्रिय हो रहा है।

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