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सेक्स समस्या : क्या होता है मेंस मेनोपॉज या एंड्रोपॉज

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उम्र बढ़ने के साथ महिलाओं की तरह ही पुरुषों में भी मनोवैज्ञानिक, व्यावहारिक और शारीरिक परिवर्तन आते हैं। इस उम्र में जहां महिलाओं में मेनोपॉज होता है वहीं पुरुषों में होने वाले इस परिवर्तन को डॉक्टर मेंस मेनोपॉज या एंड्रोपॉज कहते हैं।

 
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मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि पुरुष का पौरूष इतना महत्वपूर्ण माना जाता है कि उनकी कोमल भावनाओं और उनकी संवेदनशीलता को उनकी कमजोरी मान लिया जाता है। शुरू से ही ऐसा देखने और सुनने के चलते वे खुद भी अपनी भावनाओं को दरकिनार करने की कोशिश करते हैं। यही वजह है कि इस विषय पर वे खुलकर किसी से बात नहीं करते।


अगले पेज पर पढ़ें : क्या है एंड्रोपॉज

* क्या है एंड्रोपॉज :

एंड्रोपॉज पुरुषों में उम्र बढ़ने के साथ होने वाला परिवर्तन है। इसमें पुरुषों में भावनात्मक और शारीरिक परिवर्तन आने लगते हैं। उनके हार्मोंस में तेजी से क्षरण होने लगता है। यह दौर पुरुषों में काफी मुश्किलों भरा होता है। एंड्रोपॉज को मेल मेनोपॉज, हाइपोगोनेडिज्म और विरोपॉज भी कहा जाता है। एंड्रोपॉज हकीकत में पुरुषों का मेनोपॉज है, ले‍किन यह प्रक्रिया महिलाओं के मेनोपॉज की तरह दिखती नहीं है। महिलाओं की तरह यह प्रजनन क्षमता खत्म होने पर नहीं आती। पुरुषों में यह उम्र बढ़ने से होने वाली सामान्य प्रक्रिया है और यह उम्र बढ़ने के साथ-साथ बढ़ती है।

अगले पेज पर पढ़ें : क्या है इसकी प्रारंभिक अवस्था



* प्रारंभिक अवस्था :

40 से 49 वर्ष के बीच 2 से 5 प्रतिशत की गति से यह प्रक्रिया बढ़ती है, वहीं 50 से 59 के बीच में यह 6 से 40 प्रतिशत और 60 से 69 के बीच 20 से 45 प्रतिशत, 70 से 79 के बीच में 34 से 70 प्रतिशत के बीच बढ़ती रहती है। 80 वर्ष में 91 प्रतिशत तक बढ़ती रहती है। इसमें मध्य वय के पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन और डिहाइड्रोपियनड्रोस्टेरोन बनने की प्रक्रिया धीमी लेकिन स्थिर गति से कम होती जाती है और इसके परिणामस्वरूप लेडिग सेल्स बनने कम हो जाते हैं।


अगले पेज पर पढ़ें : क्या शारीरिक परिवर्तन होते हैं



* शारीरिक परिवर्तन :

हार्मोंस में परिवर्तन के कारण वजन बढ़ने लगता है। टेस्टोस्टेरोन के क्षरण के कारण इस्ट्रोजन का स्राव बढ़ने लगता है। शरीर में टेस्टोस्टेरोन की तुलना में इस्ट्रोजन की वृद्धि होने से चरबी इकट्ठा होने लगती है। इस परिवर्तन के कारण उनमें खुद को फिट रखने की चाहत मर जाती है।

एंड्रोपॉज की अवस्था में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन में हर साल 2 से 3 प्रतिशत की कमी आती है और 40 साल की उम्र तक टेस्टोस्टेरोन हार्मोन बहुत कम हो जाता है। इस दौरान पुरुषों में शारीरिक आकर्षण बढ़ जाता है और भावनात्मक तौर पर उन्हें किसी साथी की जरूरत होती है। वे एक बार फिर से अपनी युवावस्था को जीना चाहते हैं।

समाप्त

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