यदि कोई महिला गर्भ धारण नहीं कर पाती है, तो इसके कई कारण होते हैं। इसमें महिला के साथ ही पुरुष की प्रजनन तंत्र संबंधी समस्याएं भी बराबर की जिम्मेदार होती हैं। यानी संतान को जन्म देने के लिए पति-पत्नी दोनों का ही पूर्ण रूप से सक्षम होना जरूरी है। जहां तक पुरुषों की बात है, तो उनके वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या, उनकी गति और आकार एक तय मानक के अनुसार होना आवश्यक है।
ऐसा न होने पर वे निषेचन (फर्टिलाइजेशन) में अक्षम होते हैं। कई बार कुछ बाहरी कारणों से शुक्राणुओं का निर्माण बाधित हो जाता है और पुरुष प्रजनन में अक्षम हो जाते हैं। एक शोध के अनुसार नि:संतान दंपतियों के करीब 30 प्रतिशत मामलों में ऐसी स्थितियां पाई गई हैं।
उल्लेखनीय है कि पुरुषों में प्रतिदिन लाखों शुक्राणुओं का निर्माण होता है और यह प्रक्रिया निरंतर चलती रहती है, लेकिन उन्हें परिपक्व होने में 75 दिन का समय लगता है। यदि किसी कारण से शुक्राणु क्षतिग्रस्त हो जाएं तो फिर स्थिति को सुधरने में इतना ही समय लगता है।
शुक्राणुओं निर्माण की प्रक्रिया रुकती है अधिक तापमान से। शुक्राणुओं के निर्माण के लिए अनुकूल तापमान है 35 डिग्री सेल्सियस, जबकि मानव शरीर का तापमान होता है 37 डिग्री सेल्सियस। प्रकृति ने यह व्यवस्था की है कि शरीर के जिस भाग में शुक्राणुओं का निर्माण होता है, उसका तापमान शरीर के तापमान से कम रहे। इसीलिए उसने पुरुषों में अंडकोष का निर्माण शरीर के मुख्य भाग में न करते हुए शरीर से बाहर किया है। शरीर से बाहर होने के कारण ही अंडकोष का तापमान शरीर के तापमान से एक से दो डिग्री तक कम होता है। यदि किसी कारण से यह तापमान बढ़ जाता है तो शुक्राणुओं का निर्माण रुक जाता है।
हम आपको यहां कुछ ऐसे कारणों की जानकारी दे रहे हैं, जिनसे अंडकोषों का तापमान बढ़ जाता है, फलस्वरूप शुक्राणुओं का निर्माण रुक जाता है और पुरुष की प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है।
पहला कारण जो आपको पिता बनने से रोकता है... पढ़ें अगले पेज पर...
लैपटॉप : यदि आप हमेशा लैपटॉप को गोद में रखकर काम करने के आदी हैं तो इस आदत को जितनी जल्दी हो सके, त्याग दें। लैपटॉप को डेस्क पर रखकर काम करने की आदत डालें। इसका कारण यह है कि लैपटॉप की गर्मी से अंडकोषों का तापमान बढ़ जाता है और शुक्राणुओं के निर्माण की प्रक्रिया बंद हो जाती है। इस तरह जब तक आप गोद में लैपटॉप रखकर काम करना बंद नहीं करेंगे, आपकी पत्नी की गोद सूनी ही रहेगी यानी आप पिता नहीं बन पाएंगे।
पिता बनना चाहते हैं तो यह कभी न करें... पढ़ें अगले पेज पर...
हॉट टब में स्नान : गर्म पानी के टब में बैठकर स्नान करना भी खतरनाक है। यदि 30 मिनट या उससे अधिक समय तक गर्म पानी के टब में नहाया जाए तो शुक्राणुओं के निर्माण की प्रक्रिया बंद हो जाती है। यदि इस तरह से नहाना बंद कर दिया जाए तो शुक्राणुओं के निर्माण की प्रकिया फिर सामान्य हो जाती है।
इस कारण से भी घटती है शुक्राणुओं की सघनता, और... पढ़ें अगले पेज पर....
तेज बुखार : यदि आप तेज बुखार के शिकार होते हैं, तो उसका भी वही प्रभाव पड़ता है, जो हॉट टब में नहाने से होता है। वर्ष 2003 में प्रकाशित एक शोध के अनुसार तेज बुखार के बाद शुक्राणुओं की सघनता 35 प्रतिशत तक कम हो जाती है।
इन कारणों का भी रखें ध्यान... पढ़ें अगले पेज पर....
इनके अलावा धूम्रपान, तंबाकू और शराब के कारण भी शुक्राणओं की संख्या, उनका आकार और गति प्रभावित होती है, जिसके कारण वे निषेचन में अक्षम होते हैं। इन बाहरी कारणों के अलावा ऐसे अनेक शारीरिक कारण हैं, जो शुक्राणुओं के निर्माण या उनकी गुणवत्ता को प्रभावित करते हैं और पुरुष प्रजनन में अक्षम होते हैं। इसलिए यदि आपकी पत्नी की गोद सूनी है तो कमी केवल उसमें नहीं, आप में भी हो सकती है। इसलिए अपनी जांच भी जरूर करवाएं।