एक चौंकाने वाले सर्वेक्षण से पता चलता है कि भारत के बड़े शहरों में लोगों का दांपत्य जीवन सुखमय नहीं है। इसकी बड़ी वजह पति-पत्नी के संबंधों में विश्वास की कमी और यौन संबंधों में असंतुष्टि है। अविश्वास और यौन इच्छाओं की पूर्ति के लिए विवाहेतर संबंधों की ओर बढ़ रहे हैं।
एक सर्वेक्षण के मुताबिक 30 फीसदी विवाह यौन असंतुष्टि के कारण टूटते हैं। इसमें यह भी सामने आया है कि 96 फीसदी महिलाओं का कहना है कि विवाह पूर्व उन्होंने यौन शिक्षा नहीं ली। 'भारत में विवाह का क्या मतलब है' नाम से कराए गए इस सर्वेक्षण के नतीजे गुरुवार को जारी किए गए।
एक अखबार के अनुसार आठ महानगरों एवं 12 बड़े शहरों में यौन संबंधों पर हुए ऑनलाइन सर्वेक्षण के मुताबिक 72 फीसदी महिलाएं एवं 18 फीसदी पुरुष अपने वैवाहिक जीवन में यौन संबंधों से संतुष्ट नहीं हैं। उल्लेखनीय है कि यह सर्वेक्षण देश के पहले ई-अस्पताल मेडी एजेंल्स ने कराया है। इसमें दावा किया गया है कि करीब 30 फीसदी विवाह टूटने के पीछे यौन असंतुष्टि है। अध्ययन का उद्देश्य विवाहित व्यक्तियों के बीच यौन शिक्षा को बढ़ावा देने तथा उन्हें यौन संचारित बीमारियों के प्रति जागरूक करना है।
सेक्स एजुकेशन की कमी: सर्वेक्षण में शामिल 96 फीसदी महिलाओं ने कहा कि शादी से पूर्व उन्हें कोई यौन शिक्षा हासिल नहीं थी। देश में विवाह की न्यूनतम आयु 18 साल है, हालांकि इससे कम उम्र में विवाह होते हैं। लेकिन यौन जानकारी हासिल करने की औसत आयु साढ़े अठारह साल दर्ज की गई। वहीं 12 फीसदी ने कहा कि विवाह के बावजूद वे यौन संबंधों से वंचित है।
सुरक्षा के प्रति जागरुक हैं पुरूष: सर्वेक्षण में शामिल 96 फीसदी पुरुषों ने माना कि यौन संबंधों के दौरान उन्हें सुरक्षा उपायों की जानकारी है। लेकिन 36 फीसदी ने कहा कि वे इन सुरक्षा उपायों को अपनाते भी हैं।
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बढ़ रहे हैं विवाहेत्तर संबंध: 23.6 फीसदी पुरुषों तथा 17.6 फीसदी महिलाओं ने विवाहेत्तर संबंधों की बात स्वीकार की। वहीं, 18 फीसदी विवाहित पुरुषों एवं 13 फीसदी विवाहित महिलाओं ने माना कि उनके एक से ज्यादा लोगों से विवाहेतर संबंध है। इसका असर सामाजित तानेबाने पर भी पड़ रही है। सर्वेक्षण में शामिल 14 फीसदी महिलाओं ने माना कि उन्हें नहीं पता कि वास्तव में उनके बच्चे का जैविक पिता कौन है। इसकी वजह उन्होंने विवाहेत्तर संबंध को बताया।
इंटरनेट पर ढूंढते हैं यौन संबंधों की जानकारी: सर्वेक्षण में शामिल 74.9 फीसदी लोगों ने कहा कि यौन शिक्षा की जानकारी उन्हें मित्रों से मिली। सिर्फ 4.15 फीसदी ने ही डॉक्टर से यौन जानकारियां हासिल की। यह दर्शाता है कि यौन संबंधी बातें अभी भी छिपाई जाती हैं। खुद जानकारी हासिल करने के बारे में 57 फीसदी ने माना कि वे इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं।
मेडी एजेंल्स के संस्थापक एवं प्रमुख शोधकर्ता डॉ. देवराज शोम के अनुसार शहरों में जीवन स्तर बेहतर हो रहा है और नई पीढ़ी यूरोप, अमेरिका की तरह सेक्स के पीछे भाग रही है। लेकिन सेक्स की उचित जानकारी की कमी संबंधों में बिखराव का कारण बन रही है।
सर्वेक्षण में, ये हैं दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु, अहमदाबाद , हैदराबाद और पुणे सहित 12 शहरों के 6,467 लोगों को शामिल किया गया, इनकी उम्र 18-65 साल के बीच थी, सर्वेक्षण में 64 फीसदी पुरुष और 36 फीसदी महिलाएं थी।