Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

आखिर कैसे बचूं स्वप्नदोष से?

Advertiesment
हमें फॉलो करें आखिर कैसे बचूं स्वप्नदोष से?
, गुरुवार, 20 मार्च 2014 (17:29 IST)
-डॉ. अनिल भदौरिया
हमारे देश में किशोरों की यह आम समस्या है कि वे स्वप्नदोष या सपने में सेक्स (वेट ड्रीम्स) को लेकर बहुत कन्फ्यूज्ड रहते हैं। कोई उनकी मुश्किल समझ नहीं पाता और न वे किसी को बता पाते हैं। उन्हें जो अधकचरी जानकारी मिलती है, वह या तो लुगदी साहित्य से अथवा किसी ऐसे हमउम्र मित्र से हासिल होती है जिसे स्वयं बहुत अधिक प्रामाणिक जानकारी नहीं है।

अक्सर सपने में किए गए सेक्स और उसमें स्खलित होने को लेकर किशोरों में जबरदस्त किस्म का अपराधबोध पैदा हो जाता है। उन्हें लगता है कि वे गंदे विचारों से ग्रस्त हैं इसलिए स्वप्नदोष के शिकार हो रहे हैं। वे इससे बचने के लिए जो समझ में आता है, वह करते हैं।

परामर्श के लिए आने वाले अनेक किशोर चिकित्सकों से पूछते हैं कि सपने में सेक्स से बचने के लिए क्या करना चाहिए? या कि मैंने कई उपाय किए लेकिन कुछ काम नहीं आए। सुबह उठकर देखता हूं तो कपड़े गीले हुए मिलते हैं। मैं लगातार कमजोर होता जा रहा हूं। आखिर कैसे बचूं स्वप्नदोष से?

 

आखिर कैसे बचूं स्वप्नदोष से?... पढ़ें अगले पेज पर....

 


यह जान लेना जरूरी है कि यह शरीर बढ़ने के साथ उत्पन्न होने वाली एक सामान्य प्रक्रिया है और इसे 'दोष' मानना बहुत बड़ी भूल है। किशोरावस्था एक ऐसी अवस्था है जिसमें बहुत कन्फ्यूजन और चुनौतियां होती हैं। इस अवस्था में न सिर्फ शरीर, बल्कि भावनाएं भी बदल रही होती हैं।

हारमोन्स का प्रवाह शरीर में तेजी से होने लगता है। विपरीत लिंग के प्रति आकर्षण जाग्रत होने लगता है। इन्हीं दिनों में शरीर में हो रहे बदलावों पर गौर किया जाता है। ऐसा नहीं है कि स्वप्नदोष केवल लड़कों में ही होता है, लड़कियां भी इस स्थिति से गुजरती हैं लेकिन अलग तरह से। लड़कों में वीर्य स्खलन होता है जबकि लड़कियां चरम सुख का अनुभव करती हैं।

जानिए क्या होते हैं 'गीले सपने'... पढ़ें अगले पेज पर...



जानिए क्या होते हैं 'गीले सपने' : नींद में सपने देखने के दौरान हुए वीर्य स्खलन की अवस्था को वेट ड्रीम्स कहा जाता है। यहां स्खलन का अर्थ लिंग से वीर्य के निकलने से है। अक्सर यह होता है कि नींद में देखा हुआ यह सपना सुबह तक याद नहीं रहता है, केवल उसका प्रमाण गीले कपड़ों के रूप में रह जाता है। यहां वीर्य स्खलन लिंग को स्पर्श किए बगैर भी हो जाता है।

जानिए क्यों होता है स्वप्नदोष... पढ़ें अगले पेज पर....


किशोरावस्था के दौरान शरीर में कई परिवर्तन होते हैं। इनमें जननांग विकसित होना प्रमुख है। शरीर विकास के इस दौर में पुरुष हारमोन 'टेस्टॉस्टेरॉन' उत्पन्न होने लगते हैं। एक बार टेस्टॉस्टेरॉन बनना शुरू हो जाते हैं तो शुक्राणु भी शरीर से नि:सृत होने लगते हैं। इसका सीधा अर्थ यह है कि किशोर का शरीर भविष्य में प्रजनन करने योग्य हो रहा है।

किशोरावस्था में अक्सर ऐसा होता है कि लिंग चाहे जब उत्तेजित होकर खड़ा होने लगता है। इसके लिए दिन या रात कोई मायने नहीं रखता। किशोर चाहे स्कूल में हो या घर में बैठा टीवी देख रहा हो। ऐसा किसी भी वक्त हो सकता है। इसका मतलब यह है कि रात को नींद में सोते समय भी लिंग उत्तेजित होकर खड़ा हो सकता है। चूंकि शरीर में वीर्य का उत्पादन होने लगा है इसलिए लिंग के उत्तेजित होने पर यह निकल जाता है। यही वेट ड्रीम है।

जानिए कि बार-बार स्वप्नदोष होना कोई गलत नहीं है... पढ़ें अगले पेज पर...


स्वप्नदोष सामान्य शारीरिक विकास का एक हिस्सा है। कोई किशोर चाहकर भी इसे न तो रोक सकता है और न इसे नियंत्रित कर सकता है। अगर किसी को बार-बार स्वप्नदोष हो रहे हों तो उसे घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यह एक सामान्य प्रक्रिया है। किसी के साथ ज्यादा तो किसी के साथ कम भी हो सकती है। कई किशोर हफ्ते में 2-3 बार स्वप्नदोष का अनुभव करते हैं तो कुछ को कई हफ्तों बाद स्वप्नदोष होता है।

क्या लड़कियों को भी होता है स्वप्न दोष... अगले पेज पर...



क्या जिन्हें स्वप्नदोष नहीं होता वे स्वस्थ होते हैं? : स्वप्नदोष सभी को हो, यह जरूरी नहीं है। कई लोग बूढ़े हो जाते हैं लेकिन कभी स्वप्नदोष का अनुभव नहीं कर पाते हैं। ऐसा नहीं है कि उनमें कोई शारीरिक खराबी है।

लड़कियों को भी होता है स्वप्नदोष : यद्यपि लड़कियां स्खलित नहीं होती हैं लेकिन वे सपने में बनाए गए संबंध को लेकर ऑर्गेज्म (परमसुख) का अनुभव करती हैं। हालांकि लड़कियों के सपने लड़कों के मुकाबले भिन्न होते हैं।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi