प्रश्न : शीघ्रपतन किसे कहते हैं ?
उत्तर : शीघ्र गिर जाने को शीघ्रपतन कहते हैं। सेक्स के मामले में यह शब्द, वीर्य के स्खलन के लिए, प्रयोग किया जाता है। पुरुष की इच्छा के विरुद्ध उसका वीर्य अचानक स्खलित हो जाए, स्त्री सहवास करते हुए संभोग शुरू करते ही वीर्यपात हो जाए और पुरुष चाहकर भी वीर्यपात होना रोक न सके, इसे शीघ्रपतन होना कहते हैं। इस व्याधि का संबंध स्त्री से नहीं होता, पुरुष से ही होता है और यह व्याधि सिर्फ पुरुष को ही होती है।
प्रश्न : वाजीकरण किसे कहते हैं ?
उत्तर : वाजी कहते हैं घोड़े को। घोड़ा हमारे यहाँ साहस, शक्ति और फुर्ती का प्रतीक माना जाता है, इसलिए मोटर या इंजन की शक्ति को अश्व शक्ति से नापा जाता है कि इतने हॉर्स पॉवर का इंजन या मोटर है। जो पदार्थ या आयुर्वेदिक नुस्खा पुरुष में घोड़े की तरह पौरुष शक्ति भर दे या पैदा कर दे, उस पदार्थ को वाजीकरण कहते हैं। यानी बल, साहस और चुस्ती-फुर्ती में उस मनुष्य को घोड़े की तरह फुर्तीला और शक्तिशाली बनाना और यौन शक्ति बढ़ाना वाजीकरण कहलाता है।
प्रश्न : स्तम्भन शक्ति किसे कहते हैं ?
उत्तर : किसी चीज का रुक जाना, रुका रहना, ठहर जाना या ठहरा हुआ रहना और इच्छा के अनुसार वह चीज रुकी रहे, ठहरी हुई रहे तो इसे स्तम्भन होना कहते हैं। यौन विषय में सहवास क्रिया करते समय जितनी देर तक पुरुष का वीर्यपात नहीं होता, उतनी देर की रुकावट को स्तम्भन होना कहते हैं। रुकावट को प्रायः किसी भी क्षेत्र में अच्छा नहीं माना जाता और उसे दूर करने की भरपूर कोशिश करके रुकावट को हटा दिया जाता है। जैसे टीवी पर चलते कार्यक्रम में रुकावट आ जाती है तो लिखा हुआ आ जाता है कि 'रुकावट के लिए खेद है' पर यौन विषय के क्षेत्र में रुकावट का भारी महत्व है। वीर्यपात में रुकावट होना खेद की बात नहीं होती, बल्कि संतुष्टि की बात होती है। इस रुकावट की क्षमता को ही स्तम्भन शक्ति कहते हैं।
प्रश्न : वृष्य और शुक्रल किसे कहते हैं ?
उत्तर : जो पदार्थ वीर्यवर्द्धक और पौष्टिक हों उसे 'वृष्य' कहते हैं, जैसे उड़द, कौंच के बीज। जिस पदार्थ के सेवन से शुक्र की वृद्धि होती हो, उसे शुक्रल कहते हैं, जैसे असगन्ध, सफेद मुसली।