Shani dev ki vakra drishti ka fal : शनिदेव की वक्र दृष्टि का असर सिर्फ हनुमानजी पर कभी नहीं हुआ परंतु सभी देवी, देवता, मनुष्य आदि सभी उनकी वक्र दृष्टि की चपेट में आकर परेशान हुए हैं। हनुमानजी के आगे शनिेदेव की नहीं चलती है वे हनुमानजी को दिए वचनानुसार हनुमान भक्तों को सदा क्षमा करते रहते हैं। परंतु 7 ऐसे लोग हैं जो शनिदेव की वक्र दृष्टि से बच नहीं सकते हैं।
कहते हैं कि जब समाज में कोई व्यक्ति अपराध करता है तो शनिदेव की वक्र दृष्टि उस पर पड़ती है और तब शनिदेव के आदेश के तहत उनके अनुचर राहु और केतु उसे दंड देने के लिए सक्रिय हो जाते हैं। शनिदेव डालते हैं इन 7 लोगों पर अपनी वक्र दृष्टि-
1. ब्याज का धंधा : यदि आप ब्याज का धंधा करते हैं तो एक ना एक दिन आप पर शनिदेव की वक्र या कहें कि तिरछी दृष्टि पड़ेगी और बर्बादी शुरु हो जाएगी।
2. व्याभिचारी : यदि आप अपनी पत्नी के अलावा किसी अन्य महिला से संबंध रखते हैं तो निश्चित ही एक दिन शनिदेव की वक्री दृष्टि पड़ेगी और बर्बादी शुरु हो जाएगी।
3. शराबी : यदि आप नियमित शराब पीते हैं और खासकर मंगलवार, गुरुवार, शनिवार, प्रदोष काल, एकादशी, चतुर्थी, अमावस्या, पूर्णिमा के दिन शराब पीते हैं तो बहुत जल्द आप शनिदेव की दृष्टि की चपेट में आएंगे।
4. शोषणकर्ता : यदि आप किसी गरीब, सफाईकर्मी, दिव्यांग, विधवा, अबला आदि को सताते हैं, शोषण करते हैं या उनका अपमान करते हैं तो आप तैयार रहें शनि का दंड भुगतने के लिए।
5. नास्तिक : यदि आप धर्म, देवता, गुरु, पिता और मंदिर का अपमान करते हैं या किसी भी रूप में उनका मजाक उड़ाते हैं तो दंडनायक के दंड का इंतजार करें।
6. जुआरी : जुआ या सट्टा खेलते हैं तो पांडवों की तरह वनवास भुगतने या कौरवों की तरह नाश होने के लिए तैयार रहें। आपके जीवन में घटना और दुर्घटना के योग बढ़ जाएंगे।
7. गंदे लोग : अप्राकृतिक रूप से संभोग करना, झूठी गवाही देना, निर्दोष लोगों को सताना, किसी के पीठ पीछे उसके खिलाफ कोई कार्य करना, चाचा-चाची, माता-पिता, सेवकों और गुरु का अपमान करना, ईश्वर के खिलाफ होना, दांतों को गंदा रखना, तहखाने की कैद हवा को मुक्त करना, भैंस या भैसों को मारना, सांप, कुत्ते और कौवों को सताना। कई दिनों तक स्नान नहीं करना, पिशाचों जैसा जीवन जीना।
पुराण कहते हैं कि यदि कोई व्यक्ति किसी व्यक्ति के साथ किसी भी प्रकार का अन्याय करता है तो वह शनि की वक्र दृष्टि से बच नहीं सकता। शराब पीने वाले, माँस खाने वाले, ब्याज लेने वाले, परस्त्री के साथ व्यभिचार करने वाले और ताकत के बल पर किसी के साथ अन्याय करने वाले का शनिदेव 100 जन्मों तक पीछा करते हैं।