sharad purnima : इस वर्ष शरद पूर्णिमा 28 अक्टूबर को मनाई जा रही है। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार आश्विन मास की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा या कोजागिरी पूर्णिमा कहा जाता है। इस दिन आसमान में चंद्र नीले रंग का दिखाई देता है, इसलिए इसे ब्लू मून भी कहते हैं।
आइए जानते हैं यहां इस दिन खासतौर पर कौनसे 5 कार्य जरूर करना चाहिए-
1. पौराणिक कथा श्रवण : इस दिन शरद पूर्णिमा की व्रत कथा सुनने के बाद व्रत का विसर्जन किया जाता है। व्रत कथा सुनने से जहां व्रत का लाभ मिलता है वहीं संतान सुख की प्राप्ति भी होती है।
2. शरद पूर्णिमा पर करें इनका पूजन : शरद पूर्णिमा पर मां लक्ष्मी, चंद्रदेव, भगवान शिव, कुबेर, हनुमान और भगवान श्री कृष्ण की आराधना की जाती है। शरद पूर्णिमा की रात में की गई चंद्र पूजन और आराधना से साल भर के लिए लक्ष्मी और कुबेर की कृपा प्राप्ति होती है।
3. हनुमान जी की पूजा : शरद पूर्णिमा की रात में हनुमान जी की पूजा का बहुत ही महत्व है। इसके लिए उनके सामने मिट्टी का चौमुखा दीपक जलाएं जिसमें घी मिला हो। इससे आपको हनुमान जी की विशेष कृपा प्राप्त होगी और सभी तरह के संकट मिट जाएंगे।
4. पूर्णिमा व्रत करें : शरद पूर्णिमा पर दिनभर विधि-विधान से व्रत रखा जाता है। इस व्रत में सिर्फ दूध ही पिया जाता है या खीर ही खाई जाती है। रात को चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाता है और फिर इसके बाद भोजन किया जाता है। लक्ष्मी प्राप्ति के लिए इस व्रत को विशेष रूप से किया जाता है। कहा जाता है कि इस दिन जागरण करने वाले की धन-संपत्ति में वृद्धि होती है।
5. चंद्रमा की चांदनी में दूध या खीर रखना: कहते हैं कि इस दिन चांद से अमृत बरसता है जो सेहत के लिए बहुत ही लाभदायक है। अत: इस दिन आप छत पर या गैलरी में चांद की रोशनी में चांदी के बर्तन में दूध या खीर रखें। ताकि चंद्र किरणों से बरसता अमृत उसमें समा जाए। फिर उस दूध या खीर का चंद्रदेव को नैवेद्य अर्पण करने के बाद उसका प्रसाद ग्रहण करें।
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